24 May 2025, Sat

Lachhiwala Accident: डिवाइडर की लंबाई बढ़ेगी, नए स्पीड ब्रेकर बनेंगे – क्या अब सुरक्षित होगा लच्छीवाला टोल प्लाजा?

देहरादून : उत्तराखंड के लच्छीवाला टोल प्लाजा पर हाल ही में हुआ एक भीषण हादसा सुर्खियों में है। इस दुर्घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को झकझोर दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी खड़े कर दिए। जानकारी के मुताबिक, हादसे का मुख्य कारण एक डंपर चालक का अपने वाहन पर नियंत्रण खो देना था।

प्रत्यक्षदर्शियों और प्रारंभिक जांच से पता चला कि डंपर के ब्रेक फेल होने की वजह से उसकी रफ्तार अचानक बढ़ गई, जिसके बाद उसने आगे चल रहे कई वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए परिवहन और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने तुरंत कदम उठाया और मौके का संयुक्त निरीक्षण किया।

हादसे के पीछे की वजह और सीसीटीवी का सबूत

पुलिस को मिली एक सीसीटीवी फुटेज ने इस हादसे की कहानी को और साफ कर दिया। फुटेज में साफ दिख रहा है कि डंपर शुरू में सामान्य गति से चल रहा था, लेकिन ढलान पर पहुंचते ही चालक का उस पर से नियंत्रण छूट गया। इसके बाद वाहन की रफ्तार अनियंत्रित हो गई और उसने सामने मौजूद वाहनों को कुचल दिया। आरटीओ शैलेश तिवारी और एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर इस घटना की गहराई से छानबीन की। जांच में कई चौंकाने वाली खामियां सामने आईं, जो भविष्य में भी इस तरह के हादसों को जन्म दे सकती हैं।

टोल प्लाजा की खामियां उजागर

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि टोल प्लाजा के डिवाइडर की लंबाई बेहद कम है, जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो रही है। इसे देखते हुए डिवाइडर को दोनों ओर से 30-30 मीटर तक बढ़ाने का फैसला लिया गया। इसके अलावा, टोल प्लाजा के आसपास स्पीड ब्रेकरों की कमी भी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई। कम स्पीड ब्रेकर होने की वजह से वाहनों की गति पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है, जिससे हादसों का जोखिम बढ़ जाता है। सड़क पर मिट चुके रोड साइन और मार्किंग की कमी ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया।

सुरक्षा के लिए नए कदम

हादसे के बाद अधिकारियों ने कई सुझाव और निर्देश जारी किए, जिन पर जल्द अमल करने की बात कही गई है। टोल प्लाजा के दोनों ओर रंबल स्ट्रिप्स और स्पीड ब्रेकरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया ताकि वाहनों की रफ्तार को काबू में रखा जा सके। साथ ही, सड़क पर पीले रंग से रोड मार्किंग और कैट आई लगाने की योजना बनाई गई, जिससे चालकों को लेन की सही जानकारी मिल सके। ओवरस्पीडिंग पर नजर रखने के लिए स्पीड कैमरे लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया। ये कदम न सिर्फ टोल प्लाजा को सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि आने-जाने वाले लोगों के लिए भी राहत की सांस लेकर आएंगे।

लच्छीवाला टोल प्लाजा का यह हादसा एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आम लोगों से लेकर अधिकारियों तक, सभी को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है। अगर समय रहते इन खामियों को दूर कर लिया जाए, तो भविष्य में होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि छोटी-छोटी लापरवाहियां कितने बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं।

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