देहरादून : उत्तराखंड की सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं और इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास और नीतिगत उपलब्धियों का बखान किया। शनिवार को देहरादून के कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने जनता के सामने अपनी सरकार की उपलब्धियां रखीं।
सीएम ने साफ कहा कि राज्य को अवैध कब्जों से मुक्त करने का अभियान तब तक नहीं रुकेगा, जब तक हर इंच अतिक्रमण खत्म नहीं हो जाता। इसके साथ ही, शीतकालीन यात्रा को राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम बताया। आइए, उनके इस विजन को करीब से समझते हैं।
आपदाओं से जंग, जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
पिछले तीन सालों में उत्तराखंड ने कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। रैणी की त्रासदी हो, सिलक्यारा टनल हादसा, जोशीमठ में भू-धंसाव या माणा में भूस्खलन—हर बार चुनौतियां बड़ी थीं। लेकिन सीएम धामी ने कहा कि वो हर बार अपने लोगों के बीच खड़े रहे। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के सहयोग से इन मुश्किलों का डटकर मुकाबला किया गया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के उस कथन को दोहराया कि यह दशक उत्तराखंड का होगा और इसे साकार करने में राज्य की मातृशक्ति की बड़ी भूमिका होगी।
सख्त कानून, सख्त कदम: अराजकता पर नकेल
मुख्यमंत्री ने जबरन धर्मांतरण, दंगों और अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर अपनी सरकार की सख्त नीति को रेखांकित किया। अवैध मदरसों और कब्जों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि अराजक तत्वों को सबक सिखाने के लिए है। “लैंड जिहाद, थूक जिहाद और लव जिहाद जैसी बुराइयों पर हमारी कार्रवाई जारी रहेगी,” सीएम ने दो टूक कहा। यह अभियान तब तक नहीं थमेगा, जब तक राज्य पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त न हो जाए।
शीतकालीन यात्रा: अर्थव्यवस्था की नई उम्मीद
सीएम धामी ने शीतकालीन यात्रा को राज्य के लिए गेमचेंजर करार दिया। उनका मानना है कि इससे उन छह महीनों में भी रोजगार और कारोबार में तेजी आएगी, जब पहाड़ों में काम-धंधे ठप हो जाते हैं। पीएम मोदी के केदारनाथ, आदि कैलाश और माणा जैसे तीर्थों के दौरे के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सरकार इस मौके को भुनाने के लिए पहले से तैयारी में जुट गई है, ताकि आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिक रीढ़ बन सके।
देश में पहला राज्य बना उत्तराखंड
उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर देश में एक मिसाल कायम की है। सीएम ने इसे संविधान निर्माताओं की भावना के अनुरूप बताया। नीति आयोग की सतत विकास रैंकिंग में राज्य का पहला स्थान हासिल करना भी गर्व की बात है। इसके अलावा, सख्त नकल विरोधी कानून ने नौजवानों के बीच भरोसा जगाया। नए कानून के बाद 20 हजार से ज्यादा पद भरे गए और एक भी नकल का मामला सामने नहीं आया। यह कानून देश के लिए नजीर बन गया है।
महिलाएं बनीं प्राथमिकता, विकास में उनकी हिस्सेदारी
सीएम धामी ने अपनी मां को कठिन परिस्थितियों में मेहनत करते देखा और इसे हर उत्तराखंडी परिवार की कहानी से जोड़ा। उनकी सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों और सहकारिता में 30% आरक्षण दिया। 2025 तक डेढ़ लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। हिमालय ब्रांड के जरिए उनके बनाए उत्पादों की डिमांड देश-दुनिया में बढ़ रही है। सीएम का मानना है कि महिलाओं के योगदान से ही उत्तराखंड का दशक बनेगा।
बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी
पिछले छह दशकों से अटकी लखवाड़ बांध परियोजना को डबल इंजन सरकार ने मंजूरी दी। सौंग और जमरानी बांध परियोजनाएं भी शुरू हो रही हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। तीन जिलों में हेली सेवा शुरू होने वाली है। हरिद्वार-ऋषिकेश और शारदा कॉरिडोर का प्रस्ताव तैयार है। 2027 के कुंभ और नंदाराज यात्रा को भव्य बनाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
मंजिल दूर, लेकिन राह सही
सीएम धामी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने में उत्तराखंड की अहम भूमिका होगी। भविष्य की चुनौतियों को स्वीकारते हुए उन्होंने कहा, “अंधेरा घना हो सकता है, लेकिन दिया जलाने की मनाही कहां है?” उनका भरोसा है कि मंजिल भले ही दूर हो, लेकिन राह सही दिशा में है।