Uttarakhand के ये ऐसे 5 मंदिर जहां भारत से ही नहीं दुनिया से आते है भक्त
Uttarakhand के ये ऐसे 5 मंदिर जहां भारत से ही नहीं दुनिया से आते है भक्त
Top 5 Most Popular Temple In Uttarakhand : उत्तराखंड को ‘देव भूमि’ कहा जाता है क्योंकि यहां के हर शहर में आपको किसी एक देव या देवी का मशहूर मंदिर मिलेगा। जहां हर ना जाने कितने लोग अपनी मन्नत लेकर आते हैं। इन लोगों में प्रधानमंत्री से लेकर बॉलीवुड स्टार्स तक होते हैं। उत्तराखंड के हम उन 5 मंदिरों की बात करने वाले हैं जो मंदिर हमेशा चर्चा में रहते हैं। इन मंदिरों को लेकर लोगों की ऐसी आस्था है कि यहां से कभी भी कोई खाली हाथ नहीं लौटता है।
केदरानाथ और बद्रीनाथ मंदिर के बारे में आप जानते होंगे लेकिन साथ ही इनके कुछ और मंदिर ऐसे भी हैं जहां दर्शन करने के लिए भक्त कोसो दूर का सफर तय करने को भी तैयार होते हैं। उत्तराखंड के इन मंदिरों के रहस्यों ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नींद भी उड़ा रखी है क्योंकि कई बार वैज्ञानिकों ने इन मंदिरों के रहस्यों को जानने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं लगी।
कई लोगों का मानना है कि वो इन मंदिरों से जुड़े रहस्यों को जानना भी नहीं चाहते हैं, वो यहां अपनी भक्ती के कारण आते हैं और खाली हाथ वापस नहीं लौटते हैं। तो चलिए आपको भी बताते हैं उत्तराखंड के 5 मशहूर मंदिरों के बारे में।
मुक्तेर्श्वर मंदिर
मुक्तेर्श्वर मंदिर में आपको भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा, भगवान शिव, मां पार्वति और भगवान हनुमान की मूर्तियों के दर्शन होंगे। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है जिन महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही होती है, उन्हें एक बार मुक्तेर्श्वर मंदिर जरूर जाना चाहिए।यहां दर्शन करने के लिए करोड़ो लोगों की भीड़ लगी रहती है। यहां आपको बता दें कि मुक्तेर्श्वर धाम को मुक्ति के ईश्वर भी कहा जाता है।
नीम करौली बाबा मंदिर Neem Karoli Baba Temple
नैनीताल से 38 किमी दूर भवाली के रास्ते में कैंची धाम पड़ता है। बाबा नीब करौरी ने इस स्थान पर 1964 में आश्रम बनाया था। इन्हींर बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का धरती पर दूसरा रूप कहा जाता है। वैसे बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था।अपनी स्थाकपना के बाद से अब तक भव्य मंदिर का रूप ले चुके कैंची धाम में मां दुर्गा, वैष्णो देवी, हनुमान जी और राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं।
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मंदिर में आज भी बाबा की निजी वस्तुएं जैसे गद्दी, कंबल, छड़ी आज भी वैसे ही सुरक्षित हैं जैसी उनके जीवन में थीं। कैंची धाम पर श्रद्धा रखने वाले भक्तं देश ही नहीं विदेश में भी हैं। जैसे विदेशी भक्त और जाने-माने लेखक रिच्रर्ड एलपर्ट जिन्होंाने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है जिसमें बाबा के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन किया है।
हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स भी बाबा की परम भक्तो बताई जाती हैं। इसी स्था न से प्रभावित होकर उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। फेसबुक के संस्थाभपक मार्क जुकरबर्ग भी यहां आए थे।कैंचीधाम यात्रा एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स ने भी की थी और ऐसा कहा जाता है कि बाबा के दिए सेब को उन्होंचने एप्पल कंपनी का लोगो ही बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार इस मंदिर का जिक्र कर चुके हैं।
नैना देवी मंदिर Naina Devi Temple
नैना देवी मंदिर नैनीताल में स्थित है और इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि महाराज दक्ष के द्वारा यज्ञ में भगवान शिव को अंमत्रित ना करने की वजह से मां सती काफी गुस्सा हो गई थी और यज्ञ की आग में कूद गईं।भगवान शिव माता सती का शव अपने कंधे पर लेकर पूरे विश्व का चक्कर लगाने लगे। नैनीताल में माता सती के नैन गिरे इसलिए यहां पर नैना देवी का शक्तिपीठ का निर्माण किया गया। यहां आपको बता दें कि उन्हीं के नाम से नैनीताल में एक नैना झील भी है।
केदारनाथ मंदिर Kedarnath Temple
केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है और यह उत्तराखंड में स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व भगवान शिव ने केदार को भी दिया है। केदारनाथ धाम हर तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड।
यहां पहाड़ ही नहीं बल्कि पांच नदियों का संगम भी है, मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम।
बद्रीनाथ मंदिर Badrinath Temple
भगवान विष्णु के बद्रीनाथ रूप की यहां पूजा की जाती है। यह हिंदुओं के चार धामों में से एक है। बता दें कि बद्रीनाथ मंदिर में तीन भाग है गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां एक बार जाने से इंसान को मुक्ति मिल जाती है।