अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस से सिर्फ इस लिए रेफेर की जा रही गर्भवती महिलाएं
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल को पेयजल आपूर्ति करने वाली लाइन में फॉल्ट से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लग गई हैं। पेयजल आपूर्ति ठप होने से रविवार को अस्पताल में भर्ती दो गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया गया। इससे गर्भवती समेत तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा शनिवार देर शाम भी … आप पढ़ रहे हैं : UjjawalPrabhat.Com
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल को पेयजल आपूर्ति करने वाली लाइन में फॉल्ट से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लग गई हैं। पेयजल आपूर्ति ठप होने से रविवार को अस्पताल में भर्ती दो गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया गया। इससे गर्भवती समेत तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा शनिवार देर शाम भी एक महिला को रेफर करना पड़ा।
करोड़ों की लागत से बना मेडिकल कॉलेज मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में विफल है। इससे आए दिन मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं अब अस्पताल में पानी के संकट के बीच मरीजों की परेशानी दोगुनी हो गई है। पेयजल आपूर्ति ठप होने से रविवार को अस्पताल में भर्ती दो गर्भवतियों को प्रसव से पूर्व ही रेफर करना पड़ा।
मरीजों को रेफर करने की वजह से तीमारदारों में भी आक्रोश देखने को मिला। रेफर महिलाओं में हवालबाग ब्लॉक के ग्राम ओडल निवासी दीपा तिवारी, बाड़ेछीना निवासी गर्भवती नीरू को शामिल रहीं। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर रही हैं।
30 लीटर प्रति मिनट ही गिर रहा टैंक में: पानी बेस अस्पताल में पेयजल आपूर्ति करने वाली लाइन से सामान्य दिनों में 80 लीटर प्रति मिनट पानी टैंक में गिरता था। लाइन में आए फॉल्ट के चलते इन दिनों टैंक में केवल 30 लीटर प्रति मिनट पानी गिर रहा है।
नई लाइन का 65 फीसद पूरा हुआ काम: मेडिकल कॉलेज में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए करीब 11 करोड़ की लागत से बन रहीं नई पेयजल योजना का काम अब तक 65 फीसद पूरा हुआ है। योजना के तहत सात किमी पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि ओवर हैंड टैंक का भी काम इन दिनों अंतिम चरण पर है।
रविवार सुबह प्रसव पीड़ा के बाद पत्नी को बेस लेकर पहुंचा। पानी की कमी का हवाला देते हुए रेफर कर दिया।
कैलाश तिवारी, गोविंदपुर दौलाघट।
पेयजल लाइन में आए फॉल्ट को ठीक करने का काम किया जा रहा है, लेकिन फॉल्ट नहीं मिलने से दिक्कतें बढ़ गई हैं।
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