सीएम धामी ने विधायकों से मांगे 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव

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सीएम धामी ने विधायकों से मांगे 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सभी विधायकों से अपने-अपने क्षेत्र में दस अहम विकास परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए प्रस्ताव भेजने को कहा है। इन परियोजनाओं को सरकार धरातल पर उतारेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए राजनैतिक पहल करते हुए, सभी विधायकों को अनुरोध पत्र लिखा है। विधायकों को भेजे अनुरोध पत्र में मुख्यमंत्री … आप पढ़ रहे हैं : UjjawalPrabhat.Com


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सभी विधायकों से अपने-अपने क्षेत्र में दस अहम विकास परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए प्रस्ताव भेजने को कहा है। इन परियोजनाओं को सरकार धरातल पर उतारेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए राजनैतिक पहल करते हुए, सभी विधायकों को अनुरोध पत्र लिखा है। विधायकों को भेजे अनुरोध पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में प्रदेश के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड राज्य का दशक होगा। इसी क्रम में राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है।

सियासत से ऊपर सभी विधायकों का साथ चाहिए धामी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से विकास के लिए प्रधानमंत्री के मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर चलते हुए वो पार्टी की सीमा से ऊपर उठकर राज्य के सभी विधायकगणों से सहयोग चाहते हैं। इस क्रम में हर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र की व्यापक जनहित से जुड़ी 10 औचित्यपूर्ण विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर सरकार को उपलब्ध करा सकता है। प्रस्ताव के क्रम में शासन स्तर पर राज्य के आर्थिक संसाधनों को देखते हुए, विधायकों के साथ विचार विमर्श के बाद परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से मूर्त रूप दिया जाएगा।

विधायक निधि से अलग होंगे यह कार्य उत्तराखंड में हर विधायक को सालाना 3.75 करोड़ रुपये विधायक निधि मिलती है। ग्राम्य विकास विभाग इस वित्तीय वर्ष की पूरी विधायक निधि जारी कर चुका है। इस निधि के जरिए विधायक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। इसके तहत निधि से अधिकतर सड़क, खडंजा, नाली और चहारदीवारी जैसे छोटे-मोटे काम ही हो पाते हैं। इसके अलावा विधायकों (खासकर विपक्षी दल) के पास, दूसरे विकास कार्यों के लिए सियासी पैरवी के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद अपनी तरफ से विकास कार्यों को लेकर पहल की है। इससे प्रत्येक विधानसभा में लंबे समय से अटके बड़े विकास कार्यों को शुरू करने का रास्ता खुल सकता है। उत्तराखंड में सभी 70 विधानसभाओं को मिलाकर उक्त 700 बड़ी विकास परियोजनाएं राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।

भाजपा ने बताया समावेशी पहल भाजपा ने मुख्यमंत्री के पक्ष-विपक्ष के विधायकों से विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगने के फैसले को राज्य के विकास में मील का पत्थर बताया है।

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इसे समावेशी विकास की दिशा में अहम पहल बताया। चौहान ने कहा कि सीएम ने दलगत भावना से ऊपर उठकर विकासपरक सोच का परिचय दिया है। पहले विपक्षी विधायक, विकास में भेदभाव के आरोप लगाते थे। अब मुख्यमंत्री ने नई नजीर पेश की है।

कांग्रेस बोली-पहल का स्वागत पर भेदभाव न हो कांग्रेस के उपनेता सदन भुवन कापड़ी ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों का उद्देश्य अपने क्षेत्र का अधिक से अधिक विकास करना होता है। यदि सरकार वाकई गंभीरता के साथ इस दिशा में कोई ठोस प्रयास करती है, तो इसका स्वागत है। सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पक्ष-विपक्ष के विधायकों के प्रस्तावों पर काम करे। कार्यों को लेकर भेदभाव न हो ताकि सभी विधानसभा क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा-हम राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ तक, उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठतम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में दलगत भावना से ऊपर उठते हुए, सभी विधायकों को अपने क्षेत्र की दस अहम परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए, उसके प्रस्ताव देने को कहा गया है ताकि उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों का समान विकास हो सके। इसमें विधायकों का सहयोग जरूरी है।

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