काशीपुर का एक लाख का इनामी खनन माफिया जफ़र के मुठभेड़ के दौरान लगी गोली

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काशीपुर का एक लाख का इनामी खनन माफिया जफ़र के मुठभेड़ के दौरान लगी गोली

काशीपुर का एक लाख का इनामी खनन माफिया जफ़र के मुठभेड़ के दौरान लगी गोली


काशीपुर का एक लाख का इनामी खनन माफिया जफ़र के मुठभेड़ के दौरान लगी गोली

UPUkLiev से यामीन विकट

ठाकुरद्वारा। फरार चल रहे एक लाख के इनामी खनन माफिया को पुलिस ने पाकबड़ा क्षेत्र से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया है । इस दौरान गोली लगने से खनन माफिया जफर पुत्र अख्तर अली निवासी कांकर खेड़ा थाना डिलारी  घायल हो गया।  घायल को पुलिस प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है जबकि इस दौरान हुई मुठभेड़ में एक सिपाही भी गोली लगने से घायल हो गया है। बताते चलें कि बीती 13 सितम्बर की रात खनन अधिकारी और ठाकुरद्वारा उपजिलाधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करने तथा पकड़े गए डम्परों व उनके चालको को जबरन छुड़ाकर खनन माफियाओं ने पूरे सिस्टम को ही चुनोती दे डाली थी इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 5 नामजद आरोपियो सहित डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। खनन माफिया ज़फ़र उसी मामले में वांछित चल रहा था और इसी को गिरफ्तार करने के लिए कोतवाली पुलिस जब उत्तराखंड के थाना कुंडा के गांव भरतपुर पँहुची थी तब ज़फ़र व उसके शरणदाताओं के साथ पुलिस की नोकझोंक के बाद हुई फायरिंग में भाजपा के ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई थी और अब इसी को लेकर उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड की पुलिस भी आमने सामने हैं। 


ठाकुरद्वारा पुलिस के हाथ रहे खाली

एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर और खनन माफिया ज़फ़र को पकड़ने में लगी कोतवाली पुलिस और एस ओ जी टीम ने जब आलाअधिकारियों से फटकार के बाद ज़फ़र को पकड़ने का प्रयास करते हुए उत्तराखंड के गांव भरतपुर में दबिश दी तो किसी को नही मालूम था कि ये दबिश पुलिस के गले की फांस बन जाएगी । दबिश के दौरान खनन माफिया व उसके समर्थकों और दबिश देने पँहुची टीम के बीच फायरिंग हो गई और एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई। एक तरफ खनन माफिया ज़फ़र को पकड़कर अधिकारियों की नज़रों में हीरो बनने का सपना चकनाचूर हो गया और दूसरी ओर गोली बारी मद हुई महिला की मौत के पुलिस टीम पर उत्तराखंड में हत्या का मामला भी दर्ज हो गया। इतना सब होने के बाद भी ज़फ़र ठाकुरद्वारा  पुलिस के हत्थे नही चढ़ सका और उसे गिरफ्तार करने का सारा क्रेडिट भी पाकबड़ा पुलिस को ही मिला जबकि ठाकुरद्वारा पुलिस केवल हाथ मलती रह गयी।

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