CM पुष्कर धामी ने जोशीमठ के पुनर्विस्थापन को लेकर गृहमंत्री से की मुलाकात

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CM पुष्कर धामी ने जोशीमठ के पुनर्विस्थापन को लेकर गृहमंत्री से की मुलाकात

CM पुष्कर धामी ने जोशीमठ के पुनर्विस्थापन को लेकर गृहमंत्री से की मुलाकात


CM पुष्कर धामी ने जोशीमठ के पुनर्विस्थापन को लेकर गृहमंत्री से की मुलाकात

uttarakhand news नई दिल्ली. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनको जोशीमठ में चले रहे राहत कार्य और प्रभावित लोगों के पुनर्वास को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया.

गृहमंत्री ने भी मुख्यमंत्री को हर संभव मदद के अपने आश्वासन को दोहराया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृहमंत्री से मुलाकात के बाद जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ मामले पर गृहमंत्री को वास्तविक वस्तुस्थिति की रिपोर्ट सौंपी है. उनको सरकार के द्वारा प्रभावित लोगों को पुनर्स्थापित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं उसको लेकर रिपोर्ट दी है. केंद्र सरकार से मदद की बात की है लेकिन अभी किसी तरह के आर्थिक पैकेज की चर्चा नहीं हुई है. उसके लिए अभी कई एजेंसियों से बात करने की जरूरत है क्योंकि वहां बृहद पुनर्स्थापन की जरूरत है इसलिए सबसे बात करके फाइनल एस्टीमेट बनाकर केंद्र को दिया जाएगा.

पुष्कर धामी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री को भी लगातार जानकारी दी जा रही है. प्रधानमंत्री खुद भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, श्री बद्रीनाथ जी का शीतकालीन निवास स्थान है, तथा सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है. भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है परन्तु 02.01.2023 की रात से भवनों में मोटी दरारें हुईं तथा जेपी प्लान्ट के नीचे 500 एल0पी0एम0 की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई.


उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उस में से 849 भवनों में चैड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी है, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं, सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं.
 

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