ठाकुरद्वारा संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में भरी हुंकार

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ठाकुरद्वारा संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में भरी हुंकार

ठाकुरद्वारा संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में भरी हुंकार

ठाकुरद्वारा संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में भरी हुंकार


यामीन विकट
ठाकुरद्वारा।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तहसील क्षेत्र के किसानो ने अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में किसानों से संबंधित मांगों के बारे में अपनी आवाज बुलंद की और पूरे जोर-शोर तथा नारेबाजी करते हुए रामलीला मैदान नई दिल्ली पहुंचे। 

किसानों का आरोप है कि इस दौरान रात्रि 2 बजे बहुत सी जगह रेलवे स्टेशनों पर दिल्ली जाने वाली रेल गाड़ियों को प्रशासन द्वारा रोक दिया गया था जिन ट्रेनों से किसान अपनी विशाल महापंचायत को सफल बनाने के लिए जा रहे थे। इसी क्रम में गाजियाबाद जिले के डासना स्टेशन पर रामनगर से चलने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रुकवा दिया गया इस पर किसान  नेता और उनके साथी किसान भड़क गए और रेलवे ट्रैक पर बैठकर ट्रैक जाम कर दिया। रेलवे यातायात को बाधित कर किसान नारेबाजी करने लगे। 

इस दौरान अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के किसान नेता प्रीतम सिंह ने डासना स्टेशन पर संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के किसानों  की भारी भीड़ को देखकर हाथ पैर फूल चुके हैं इसीलिए सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए रेलगाड़िया को स्टेशनों पर रोक कर किसानों को किसान मजदूर महापंचायत में पहुंचने से रोकना चाहती है। ट्रैक से ऐलान किया गया कि अगर तत्काल सभी रेलवे स्टेशनों से रेल गाड़ियों को दिल्ली की ओर रवाना नहीं किया गया तो किसान रेलवे ट्रैकों पर ही अपनी किसान पंचायत को सफल बनाएंगे और फिर ट्रैक पर से नहीं हटेंगे बिगड़ती हालत को देखते हुए 2 घंटे के बाद रेल गाड़ियों को भेजा गया। इस प्रकार केंद्र तथा राज्य सरकारों की मंशा पूरी नहीं हुई और लाखों की तादाद में किसान और मजदूर अपनी विशाल किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए इकट्ठा हो गए और मांग की गई कि अगर किसानों से किए हुए समझौते लागू नहीं किए गए तो फिर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

इस दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान के मंच के माध्यम से मांग की गई की कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी 2 प्लस 50% के हिसाब से किसानों  की समस्त फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का गारंटी कानून बनाया जाए किसानों मजदूरों के समस्त कर्ज माफ किए जाएं समस्त किसानों मजदूरों के लिए 60 सालाना दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन लागू की जाए। आंदोलन के दौरान किसानों तथा किसान नेताओं पर लिखे गए दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। शहीद किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। बिजली बिल 2020 रद्द किया जाए आदि मांगों को लेकर किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की। 

इस दौरान अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के जिला महासचिव  कामरेड हर स्वरूप सिंह, तेजपाल सिंह, नरेंद्र सिंह, सचिन कुमार, अंकित कुमार, हर्षित कुमार, रोहिताश सिंह, परमजीत  सिंह, मनीष कुमार, उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष कामरेड शमशाद हुसैन, आदि मौजूद रहे।

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