ठाकुरद्वारा: 'कव्वा चला हंस की चाल, अपनी भी भूल बैठा', इस इलेक्शन चरितार्थ होगी ये कहावत?

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ठाकुरद्वारा: 'कव्वा चला हंस की चाल, अपनी भी भूल बैठा', इस इलेक्शन चरितार्थ होगी ये कहावत?

ठाकुरद्वारा: 'कव्वा चला हंस की चाल, अपनी भी भूल बैठा', इस इलेक्शन चरितार्थ होगी ये कहावत?

ठाकुरद्वारा: 'कव्वा चला हंस की चाल, अपनी भी भूल बैठा', इस इलेक्शन चरितार्थ होगी ये कहावत?


यामीन विकट
ठाकुरद्वारा।
क्षेत्र की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है, क्योंकि क्षेत्र की राजनीति के "बड़े अब्बा" के कहने पर एक "प्यादा" लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गया है। इस खबर ने नगर और क्षेत्र में खलबली मचा दी है, और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इस खबर से खुश हैं। वे मानते हैं कि "बड़े अब्बा" की यह रणनीति 'उनको' जीत दिलाने में मददगार होगी। 

दूसरी ओर, कुछ लोग इस खबर से नाराज हैं और उनका कहना है कि "प्यादा" चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं है और "बड़े अब्बा" सिर्फ अपनी सीट को सुनिश्चित करने के लिए उसे आगे कर रहे हैं।

हाँ, राजनीति के गलियारों से जो खबरें आ रही हैं, वे वाकई हास्यास्पद हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस क्षेत्र के राजनीतिक दिग्गज 'भीष्म पितामह" एक समुदाय के वोटों को बांटने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में एक 'प्यादे' को उतारने की योजना बना रहे हैं। उनकी उम्मीद है कि यह 'प्यादा' चुनाव में वोटों का एक बड़ा हिस्सा काटकर उनकी जीत का रास्ता आसान बना देगा।

क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह 'प्यादा' लोकसभा चुनाव में 5 हज़ार वोट का आंकड़ा भी शायद ही पार कर पाए। खैर, अभी तो यह सब सिर्फ अंदाजा ही है। वक्त ही बताएगा कि ये आंकड़े सही साबित होते हैं या गलत। फिलहाल, इस मामले को लेकर नगर और क्षेत्र भर में चर्चाओं का दौर जारी है। लोग इस 'प्यादे' का खुलकर मज़ाक उड़ाते देखे जा रहे हैं।

-सांकेतिक तस्वीर केवल प्रस्तुतीकरण के लिए

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