Ramadan 2024: रमजान के आखिरी 10 दिन में होता है एतकाफ, क्या औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं?

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Ramadan 2024: रमजान के आखिरी 10 दिन में होता है एतकाफ, क्या औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं?

Ramadan 2024: रमजान के आखिरी 10 दिन में होता है एतकाफ, क्या औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं?

Ramadan 2024: रमजान के आखिरी 10 दिन में होता है एतकाफ, क्या औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं?


आगरा। रमजान के अंतिम दस दिनों में, मुस्लिम समुदाय एतकाफ नामक एक विशेष इबादत करते हैं। यह शब्द "एतकाफ" अरबी भाषा से आया है, जिसका अर्थ है "ठहरना" या "रुकना"। एतकाफ में, मुसलमान दुनियादारी से दूर रहकर, मस्जिद में रहकर खुदा की इबादत करते हैं।

क्या औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं? 
इस विषय पर नायब शहर काज़ी  मौलाना रियासत अली कहते हैं कि हां एतकाफ महिलाएं घर में रहते हुए कर सकती हैं। हाजी हाफ़िज़ ज़मीर अहमद खान सलीमी के मुताबिक एतकाफ का मतलब मक्सद शबे कदर को ढूढना होता है। शबे कदर रोजे की 21वीं 23वीं, 25वीं,27वीं या 29वीं किसी एक रात में शबे कदर होती है। शबे कदर को दुआ कबूल होती है और इबादतें भी कबूल होती हैं। शबे कदर मतलब कुरान इस रात को नाज़िल (आसमां से उतरा था) हो गया था।  इसमें मर्द मस्जिद के अंदर दस दिन रहकर खुदा की इबादत करते हैं। दुनियां दारी से दूर हटकर बिना किसी से बात किए या जरूरत पड़ने पर बहुत कम बात करते हैं। मस्जिद से बाहर नहीं निकलते हैं। मजबूरी में अगर निकलना पड़े तो रास्ते में किसी से बात नहीं करेंगे। ईद उल फितर के चाँद के एलान के बाद एतकाफ ख़त्म किया जाता है.

मौलाना मसरूर कादरी का कहना है कि रमजान के आखिरी दस दिनों में अपने तरीके से ही पर्दे में रहते हुए औरतें भी एतकाफ कर सकती हैं। नवी के दौर में औरतें भी एतकाफ करती थीं। हदीस शरीफ बुखारी और मुस्लिम में हज़रात आइशा से रिवायत है कि औरते भी एतकाफ आखिरी दस दिनों में हुजूर एतकाफ करते थें और बीबियां भी करती रही हैं। लिहाजा हमारी इस्लामी औरतों को भी एतकाफ करना चाहिए। शर्त यही है कि तमाम पर्दे में रहकर ही करना चाहिए। इस दौरान सिर्फ अल्लाह को याद करना है। दुनियां की तमाम चीजों से खुद को दूर रखना है। जो भी बहनें एतकाफ में बैठना चाहती हैं उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि इस दौरान उनका पीरियड टाइम न पड़े। 

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