धर्मांतरण मामला : बद्दो का मोबाइल और लैपटॉप खोलेगा कई राज, बैंक अकाउंट में हुई लेन-देन की भी जांच

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धर्मांतरण मामला : बद्दो का मोबाइल और लैपटॉप खोलेगा कई राज, बैंक अकाउंट में हुई लेन-देन की भी जांच

धर्मांतरण मामला : बद्दो का मोबाइल और लैपटॉप खोलेगा कई राज, बैंक अकाउंट में हुई लेन-देन की भी जांच

धर्मांतरण मामला : बद्दो का मोबाइल और लैपटॉप खोलेगा कई राज, बैंक अकाउंट में हुई लेन-देन की भी जांच


गाजियाबाद | गाजियाबाद में हुए धर्मांतरण मामले में अब तक 2 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक मौलवी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है और महाराष्ट्र से इस मामले का मास्टरमाइंड बताया गया शाहनवाज मकसूद खान उर्फ बद्दो भी पकड़ा गया है। पुलिस उसे गाजियाबाद लेकर आई थी और कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बद्दो से हुई पूछताछ में उसने पुलिस को गुमराह करने की काफी कोशिश की, कई सवालों के जवाब गलत दिए और अपना जुर्म भी कुबूल नहीं किया।

बद्दो का राज जानने के लिए पुलिस उसके मोबाइल और लैपटॉप का डाटा रिकवर कराने की कोशिश कर रही है। जिनसे बद्दो के सारे राज निकल कर बाहर आ जाएंगे। क्योंकि, पुलिस ने साफ तौर पर यह बताया है कि इसमें पाकिस्तान ईमेल आईडी मिली है। 30 पाकिस्तान के मोबाइल नंबर मिले हैं। जो अपने आप में बड़ी बात है। इसीलिए पुलिस द्वारा कोशिश की जा रही है कि मोबाइल और लैपटॉप का सारा डाटा बरामद कर लिया जाए।

इसके साथ ही साथ बद्दो और उसके परिवार के 7 बैंक खातों को सील कर उनकी भी जांच की जा रही है। बद्दो और उसके परिवार के सात बैंक खातों की तीन साल की स्टेटमेंट पुलिस खंगाल रही है। अभी तक की जांच में विदेश से फंडिंग के सुबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन, बद्दो ने कई बार अपने भाइयों के खातों में रुपये ट्रांसफर किए हैं। यह भी पता चला है की बद्दो बच्चों से गेम का लेवल पार कराने के नाम पर भी पैसे लिया करता था।

ऑनलाइन गेमिंग के जरिये किशोरों का ब्रेनवाश कराने का मास्टमाइंड शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो के दो मोबाइल और सीपीयू इस साजिश से पर्दा हटाने में मदद करेंगे। गाजियाबाद पुलिस ने इन्हें मुंबई में उसके घर से बरामद किए थे।

पुलिस पूछताछ में सहयोग न करने के कारण ही बद्दो को रिमांड की अवधि से पहले उसे कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया ताकि मोबाइल और सीपीयू का डाटा प्राप्त कर उससे सुबूत जुटाए जा सकें। शुरूआती छानबीन में ही पाकिस्तानी नंबर और ईमेल एड्रेस मिलने के साथ पाकिस्तान से आए ईमेल का भी पता चला गया है। ऐसे में पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि डिलीट किया डाटा रिकवर होने पर और भी महत्वपूर्ण सुराग हाथ लग सकते हैं। यह डाटा काफी संवेदनशील हो सकता है। इसीलिए पुलिस इसकी गोपनीयता का पूरा ध्यान रख रही है।

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