SDM ने निजी अस्पताल पर मारा छापा, अस्पताल को किया सील

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SDM ने निजी अस्पताल पर मारा छापा, अस्पताल को किया सील

SDM ने निजी अस्पताल पर मारा छापा, अस्पताल को किया सील

SDM ने निजी अस्पताल पर मारा छापा, अस्पताल को किया सील


यामीन विकट 
मुरादाबाद।
 ठाकुरद्वारा उपजिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ नगर के शफी मेमोरियल अस्पताल पर मारा छापा, अनियमितताओं पर अस्पताल में भर्ती मरीज़ों को दूसरे स्थान पर भिजवाकर अस्पताल का संचालन बन्द करा कर उसे सील किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती जा रही घोर लापरवाही का एक उदाहरण आज उस समय नगर में देखने को मिला जब उपजिलाधिकारी अजय गौतम ने नगर के मुस्लिम इंटर कालेज के पास स्थित शफी मेमोरियल अस्पताल पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान उक्त अस्पताल के दस्तावेजो कि जांच में पाया गया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन बीती अप्रैल माह में ही एक्सपायर हो चुका है और अभी तक उसका नवीनीकरण नही कराया गया है। इसके अलावा अस्पताल में 9 बेड की परमिशन के बावजूद  लगभग 25 मरीज़ों को भर्ती किया हुआ पाया गया जबकि बायो मेडिकल वेस्टेज की भी बुरी हालत मिली । इस दौरान उपजिलाधिकारी ने अस्पताल में भर्ती दर्जनों मरीज़ों को एम्बुलेंस की मदद से अन्यत्र अपना इलाज कराने की बात कहते हुए मरीज़ों को एम्बुलेंस मंगा कर उन्हें अस्पताल से भिजवा दिया। उपजिलाधिकारी ने अस्पताल के संचालन को ये कहते हुए बन्द करने का आदेश दिया है कि जबतक दस्तावेजों की जांच पूरी नही की जाती है तब तक अस्पताल बन्द रहेगा, बताते चलें कि तीन दिन पूर्व नगर के वार्ड नं 3 निवासी दसवीं के छात्र एज़ान खान की इसी अस्पताल में डेंगू हो जाने पर तीन दिन भर्ती रहने के बाद मौत हो गई थी और उसकी मौत से आक्रोशित परिजनों व अन्य लोगों ने मामले की शिकायत करते हुए अस्पताल पर घोर लापरवाही के आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी से शिकायत की थी।

जिसपर उपजिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए अस्पताल के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उसे सील कर दिया है। इस दौरान उपजिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि फिलहाल वह अस्पताल से मरीज़ों को भिजवा कर उसे सील करवा रहे हैं और अग्रिम कार्यवाही दस्तावेजो की जांच के आधार पर की जाएगी ।इस कार्यवाही से नगर भर के फ़र्ज़ी अस्पतालों के संचालको में हड़कम्प मच गया है। यंहा ये भी बता दें कि नगर व क्षेत्र भर में फ़र्ज़ी अस्पताल और झोलाछाप चिकित्सको की बाढ़ सी आई हुई है जो भोले भाले मरीज़ों से पैसा ऐंठकर उन्हें हालत खराब हो जाने पर अक्सर हाथ खड़े कर देते हैं और उन्हें मरने के लिए छोड़ देते हैं और बेचारा मरीज अक्सर ऐसे मामलों में अपने नसीब को कोसकर बिना कोई कार्यवाही किये ही थक हर कर बैठ जाता है जिससे इन झोलाछाप चिकित्सकों और फ़र्ज़ी अस्पतालों के होंसले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। उपजिलाधिकारी द्वारा आज की गई इस कार्यवाही में अब स्वास्थ्य विभाग का अगला कदम क्या होगा ये कहना मुश्किल है क्योंकि अब तक जितने भी अस्पतालों को सील किया गया है उन्हें दो चार दिनों बाद ही खुलवा दिया जाता रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं।

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