सेना में 'फर्जी भर्ती' की जांच जारी
सेना में 'फर्जी भर्ती' की जांच जारी
मेरठ | पठानकोट 272 ट्रांजिट कैंप में 108 इन्फैंट्री बटालियन टीए (प्रादेशिक सेना) 'महार' में एक कथित सुरक्षा उल्लंघन की आंतरिक जांच का आदेश दिया गया है, जहां इस साल जुलाई से अक्टूबर तक एक फर्जी भर्ती में तैनाती की गई थी। सेना के अधिकारियों ने कहा कि, जांच उन खामियों पर ध्यान केंद्रित करेगी जो सुरक्षा उल्लंघन का कारण बनीं, फर्जी भर्ती को 12,500 रुपये प्रति माह का वेतन कैसे दिया गया, कैसे उच्च सुरक्षा क्षेत्र में इतने लंबे समय तक उसका पता नहीं चला और वह कैसे इंसास राइफल तक पहुंच गया।
जांच रैकेट में शामिल रैंक के भीतर अन्य कर्मियों के शामिल होने की संभावना पर भी गौर करेगी।
सैन्य खुफिया (एमआई) के इनपुट के एक दिन बाद 108 इन्फैंट्री बटालियन टीए के पूर्व संतरी राहुल सिंह और उनके दो साथियों में से एक बिट्टू सिंह को मेरठ से गिरफ्तार किया गया था।
राहुल ने कथित तौर पर गाजियाबाद स्थित सेना के उम्मीदवार मनोज कुमार से यह वादा करके 16 लाख रुपये लिए कि वह उसे सेना में नौकरी दिलाने में मदद करेगा।
आरोपी मनोज को केंद्र के अंदर ले गया, उसे वर्दी प्रदान की और तीनों को विभिन्न कार्यों के साथ काम सौंपा। यहां तक कि राहुल ने उन्हें जारी की गई इंसास राइफल सौंप दी ताकि वह परोक्ष रूप से ड्यूटी कर सकें, ताकि मनोज को यकीन दिलाया जा सके कि वह वास्तव में भर्ती था।
राहुल का साथी बिट्टू सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में मनोज के सामने खुद को पेश करता था। बिट्टू ने ही मनोज की भर्ती की पुष्टि की थी।
मेरठ के दौराला थाने में मनोज कुमार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर, एसपी सिटी पीयूष सिंह ने कहा, "गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से हमने वर्दी, सभी फर्जी दस्तावेज, कुछ टिकट और एक देसी पिस्टल भी बरामद किया है। तीसरा आरोपी राजा सिंह अभी फरार है। तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।"