कानूनी लड़ाई में फंसा निकाय चुनाव

खबर दुनिया की...

  1. Home
  2. राज्य
  3. उत्तर प्रदेश

कानूनी लड़ाई में फंसा निकाय चुनाव

कानूनी लड़ाई में फंसा निकाय चुनाव

कानूनी लड़ाई में फंसा निकाय चुनाव


यामीन विकट
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने पर रोक लगा दी गई है। प्रशासनिक स्तर पर चुनावी तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। वहीं, यूपी निकाय चुनाव की तैयारियों को पूरा कराकर प्रशासनिक स्तर पर तिथियों को लेकर निर्णय होना था, लेकिन अब यह कानूनी लड़ाई में फंस गया है। ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर एक वर्ग कोर्ट चला गया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में सोमवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। पहले ही दिन निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने पर मंगलवार तक के लिए रोक लगाई गई। मंगलवार को दूसरे दिन हुई सुनवाई में बुधवार तक चुनाव तारीखों के ऐलान पर रोक लगा दी गई। बुधवार को जब कोर्ट में सुनवाई हुई तो 20 दिसंबर तक के लिए चुनावी तारीखों के ऐलान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में वार्डों के लिए जारी आरक्षण रोस्टर में ओबीसी आरक्षण सीमा का ध्यान नहीं रखे जाने के मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट ने सरकार को बुधवार तक जवाब दाखिल करने को कहा था। हालांकि, इस मामले में अब सरकार को 20 दिसंबर तक का समय दे दिया गया है। हाई कोर्ट ने इसी के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को इस तिथि तक नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने पर भी लगी रोक को बढ़ा दी है। नगर निकाय चुनाव में देरी को देखते हुए पहले ही सरकार की ओर से निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। नगर निकायों में बोर्ड के गठन और सदस्यों के शपथ ग्रहण की तिथि के आधार पर पांच साल की समय सीमा पूरी होने के साथ ही कार्यकाल खत्म होने की सूचना जारी होगी। नगर निकायों में महापौर या अध्यक्ष के स्थान पर प्रशासक के स्तर पर निर्णय लिए जाएंगे।

यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए पिछले दिनों नगर विकास विभाग के स्तर पर वार्डों का आरक्षण रोस्टर जारी किया गया। इसी पर विवाद गहराया हुआ है। आरक्षण रोस्टर में ओबीसी आरक्षण की सीमा का उचित तरीके से अनुपालन नहीं किए जाने का दावा किया गया है। सरकार की ओर से जवाब आने के बाद ही इस विषय पर कोर्ट की ओर से कोई फैसला आएगा। सरकार के स्तर पर भी कोर्ट में अपना पक्ष रखे जाने से पहले पूरी स्थिति की समीक्षा की जा रही है। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर लगातार तीन दिनों तक सुनवाई की। अब कोर्ट 20 को अगली सुनवाई करेगा।

Around the web