ऊर्जा उत्पादन से होने वाले प्रदूषण को अत्याधुनिक तकनीकी से नियंत्रित किया जायेगा

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ऊर्जा उत्पादन से होने वाले प्रदूषण को अत्याधुनिक तकनीकी से नियंत्रित किया जायेगा

ऊर्जा उत्पादन से होने वाले प्रदूषण को अत्याधुनिक तकनीकी से नियंत्रित किया जायेगा


ऊर्जा उत्पादन से होने वाले प्रदूषण को अत्याधुनिक तकनीकी से नियंत्रित किया जायेगा

भोपाल : प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन से होने वाले प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिये 19 से 22 जुलाई तक कार्यशाला की जा रही है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इंटरनेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल कार्बन के सहयोग से होने वाली "बेस्ट प्रेक्टिसेस एण्ड हेण्डलिंग ऑफ सीईएमएस इन एमीशन मॉनीटरिंग'' कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को सुबह 10 बजे प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा संजय दुबे पर्यावरण परिसर स्थित झील संरक्षण प्राधिकरण के ऑडिटोरियम में करेंगे। अध्यक्षता प्रमुख सचिव पर्यावरण  अनिरुद्ध मुखर्जी करेंगे। विभिन्न देशों के प्रख्यात विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे।

कार्यशाला का उद्देश्य विश्व की सर्वोत्तम अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए प्रदूषण को कम करना है। पॉवर प्लांट की चिमनियों का अभी तक भौतिक निरीक्षण होता था। प्रशिक्षण के बाद चिमनियों में उपकरण स्थापित कर दिये जायेंगे, जिससे सतत और रियल टाइम मॉनीटरिंग होती रहेगी।

अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ प्रशिक्षकों में आईसीएससी की इंटरनेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. लैसली स्लॉस, प्रधान कंसलटेंट संजीव कुमार कंचन, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व सदस्य सचिव  जे.एस. कमयोत्रा, क्यूएसटीआई अमेरिका के आर. सियान वार्डन, आईबीडी जर्मनी के  रोलेण्ड ज़ेपेक, यूनिपर के  डेविड ग्राहम, यूएसपीए के जेफ रेयान, एसआईसी के शंकर कन्नन और एन्वायरोटेक के  आशीष गुप्ता शामिल हैं।

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