प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर के जलमग्न क्षेत्रों का लिया जायजा

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प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर के जलमग्न क्षेत्रों का लिया जायजा

प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर के जलमग्न क्षेत्रों का लिया जायजा


प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर के जलमग्न क्षेत्रों का लिया जायजा

जगदलपुर :  उद्योग एवं आबकारी मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर शहर में जलमग्न क्षेत्रों का दौराकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने खड़कघाट और गणपति रिसोर्ट में डुबान क्षेत्रों का मुआयना किया और स्थानीय निवासियों से चर्चा की। लोगों ने बताया की जलस्तर में कमी आई है, और किसी प्रकार की कोई क्षति नही हुई है। खडकघाट पुल पर निरीक्षण के दौरान उन्होंने जलस्तर को देखते हुए, नागरिक सुरक्षा के मद्देनजर पुल का उपयोग पूर्ण रूप से बंद करने को कहा। उन्होंने पुल के दोनो ओर बैरिकेडिंग कर मार्ग बंद करने के निर्देश दिए, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। उन्होंने सीईओ जिला पंचायत  रोहित व्यास, नगर निगम आयुक्त दिनेश नाग, एसडीएम जगदलपुर  ओमप्रकाश वर्मा को जलस्तर पर सतत मॉनिटरिंग करने के साथ ही पूरे समय होमगार्ड की तैनाती रखने के लिए निर्देशित किया है। निरीक्षण दौरे में नगर निगम के सभापति  कविता साहू, पार्षद सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।


गणपति रिसोर्ट के निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां के रहवासियों की पूछ परख की। गणपति रिसोर्ट के समीप राधा स्वामी सत्संग ब्यास संचालन करने वाली महिलाओं से मंत्री  लखमा ने चर्चा की। महिलाओं ने बताया की जलमग्न होने की आशंका को देखते हुए प्रशासन द्वारा क्षेत्र को खाली करवा दिया गया था, जिससे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई।


मंत्री कवासी लखमा ने कहा की बस्तर जिले में अभी पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है, अभी भी किसान भाइयों को पानी की आवश्यकता है। वर्तमान में सीमावर्ती राज्य ओडिशा, आंध्र प्रदेश में अत्यधिक वर्षा के कारण इंद्रावती नदी और गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ा है जिससे सुकमा जिले के कोंटा  और जगदलपुर में कुछ स्थान जलमग्न हुए है। बस्तर संभाग के सभी जिलों में कोई हताहत नहीं हुआ है, कुछ सड़क मार्ग जरूर बाधित हुए है, जो जलस्तर कम होने पर पुनः सुचारू हो जायेंगे। उन्होंने आम जन को संबोधित करते हुए कहा है की किसी प्रकार की चिंता ना करे, शासन प्रशासन सतर्क है। अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी लगातार निरीक्षण कर रहे है, ताकि आम जन को किसी प्रकार की समस्या ना हो। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जलभराव होने से फसल क्षति होगी, जल स्तर कम होने पर उसका आकलन किया जाएगा और शासन द्वारा नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

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