भारत में डायबिटीज़ की समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस और अपोलो शुगर क्लिनिक्स ने सहयोग किया

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भारत में डायबिटीज़ की समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस और अपोलो शुगर क्लिनिक्स ने सहयोग किया

भारत में डायबिटीज़ की समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस और अपोलो शुगर क्लिनिक्स ने सहयोग किया


भारत में डायबिटीज़ की समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस और अपोलो शुगर क्लिनिक्स ने सहयोग किया

दिल्लीः  डायबिटीज़ भारत में लगातार बढ़ती समस्या है। डायबिटीज़ के लगभग 50 प्रतिशत मामलों में निदान नहीं हो पाता है और लगभग 90 प्रतिशत प्रि-डायबिटिक्स को मालूम ही नहीं होता कि उन्हें यह समस्या है1। इस कमी को समझते हुए हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस ने अपोलो शुगर क्लिनिक्स के साथ हाथ मिलाए हैं, ताकि भारत में लगभग 50,000 लोगों की स्क्रीनिंग करके डायबिटीज़ और प्रि-डायबिटीज़ के बारे में जागरुकता बढ़ाई जा सके।

अपने माह भर लंबे इस अभियान में हॉर्लिक्स डायबिटीज़ प्लस और अपोलो शुगर क्लिनिक्स निशुल्क स्क्रीनिंग करेंगे और ज्यादा शुगर वाले लोगों को निशुल्क विशेषज्ञ परामर्श एवं डायबिटीज़ नियंत्रण पर मार्गदर्शन दिया जाएगा। इस गतिविधि के तहत डायबिटीज़ के ज्यादा मामलों वाले शहर, जैसे बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, और पुणे में 200 से ज्यादा अपोलो क्लिनिक्स/ अपोलो शुगर क्लिनिक्स को एक्टिवेट किया जाएगा। 

डायबिटीज़ भारत में एक बढ़ती समस्या है। भारत में लगभग 72.96 मिलियन व्यस्कों में डायबिटीज़ पाई गई है। हमारा देश चीन के बाद दूसरे स्थान पर आता है, जहां पर इस बीमारी की मौजूदा दर अगले 25 सालों में दोगुनी होने का अनुमान है। शिथिल जीवनशैली और प्रोसेस्ड आहार ज्यादा लेने के कारण डायबिटीज़ एक बढ़ता हुआ खतरा है क्योंकि भारत की 7.3 प्रतिशत आबादी डायबिटिक और 10.3 प्रतिशत आबादी प्रिडायबिटिक है। ज्यादा वजन वाले लोग, धूम्रपान करने वाले लोग, 45 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोग, परिवार में डायबिटीज़ के इतिहास वाले लोग या फिर शिथिल जीवनशैली व्यतीत करने वाले लोगों को डायबिटीज़ होने का जोखिम ज्यादा है। इस संकट को नियंत्रित करने का एकमात्र रास्ता समय पर निदान और नियंत्रण है, ताकि दीर्घकालिक डायबिटिक समस्याएं, जैसे आँखों की समस्याएं, दिल की समस्याएं, किडनी की समस्याएं, नसों को क्षति, पैरों को क्षति आदि न हों।

कृष्णन सुंदरम, वाईस प्रेसिडेंट, न्यूट्रिशन, हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड ने कहा, ‘‘यह साझेदारी प्रिवेंटिव हैल्थकेयर को आम जीवनशैली में उतारने और भारत में इस बीमारी के भार को कम करने पर केंद्रित है। डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जागरुकता का स्तर बहुत कम है। समय पर पहचान और इलाज से इससे जुड़ी समस्याओं को टाला जा सकता है। इस गतिविधि द्वारा हमारा उद्देश्य जानकारी का प्रसार कर डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए सावधानी के उपायों को बढ़ावा देना है। हम लोगों को प्रिडायबिटीज़, डायबिटीज़ के लक्षणों, और इससे जुड़े जोखिमों के बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

 चंद्र शेखर सी, चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर, अपोलो हैल्थ एवं लाईफस्टाईल लिमिटेड ने कहा, ‘‘अपोलो शुगर क्लिनिक्स में हम डायबिटीज़ पीड़ितों को विस्तृत देखभाल प्रदान करने पर केंद्रित रहकर काम करते हैं। भारत डायबिटीज़ के मामले में विश्व की राजधानी बनता जा रहा है। ज्यादा मिठाई खाना इसका मुख्य कारण नहीं है। जीवनशैली के तत्व जैसे तनाव, व्यायाम न करना, अनियमित भोजन, सोने की आदतें, और प्राकृतिक अनुवांशिक तत्व इसमें मुख्य भूमिका निभाते हैं। हमारा मानना है कि मेहनत, जीवनशैली में परिवर्तन, आहार में संशोधन और उचित इलाज के द्वारा डायबिटीज़ पीड़ित अपनी स्थिति के बारे में जागरुक बने रहकर सक्रिय जिंदगी बिता सकते हैं।

हम एचयूएल की टीम की सराहना व प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने लोगों को सेहतमंद जीवन जीने में मदद करने के इस विशाल प्रयास की ओर कदम बढ़ाया। यह अपनी तरह का विशेष अभियान है, जिसके द्वारा हम समय पर जाँच कराने के महत्व को समझाते हुए डायबिटिक्स/प्रि-डायबिटिक्स को पहचानने में मदद रहे हैं और इलाज की वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित विधियों एवं जीवनशैली के संशोधनों की मदद से उन्हें स्वास्थ्य की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।“

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