दिनेश प्रताप सिंह ने 100 दिन की उपलब्धियॉ गिनाई

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दिनेश प्रताप सिंह ने 100 दिन की उपलब्धियॉ गिनाई

दिनेश प्रताप सिंह ने 100 दिन की उपलब्धियॉ गिनाई


दिनेश प्रताप सिंह ने 100 दिन की उपलब्धियॉ गिनाई

लखनऊः
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दिनेश प्रताप सिंह आज लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में अपने विभाग की 100 दिन उपलब्धियॉ गिनाते हुए कहा कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर पोटैटो, कुशीनगर/हापुड़ के प्रशासनिक भवन व ट्श्यिूकल्चर भवन का शिलान्यास तथा 02 नवनिर्मित मिनी सेन्टर आफ एक्सीलेंस (फतेहपुर एवं रामपुर) का लोकार्पण सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फार पोटैटो के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास तथा मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया गया।


उद्यान मंत्री ने प्रेस प्रतिनिधियों को बताया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर पोटैटो की स्थापना से टिश्यूकल्चर विधि से उत्पादित पौधों को एरोपोनिक तकनीक तथा एपिकल रूट कटिंग तकनीक से गुणवत्तायुक्त आलू बीज का उत्पादन कराया जायेगा। उत्तर प्रदेश में आलू उत्पादन  बढ़ाने के लिए गुणवत्तायुक्त आलू बीज की उपलब्धता बढ़ेगी तथा किसानों को आलू उत्पादन की नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त होगी। मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से किसानों को गुणवत्तायुक्त स्वस्थ सब्जी पौध उपलब्ध हो सकेगी, जिससे उत्पादकता और कुल आय में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने बताया कि खरीफ मौसम के लिए किसानों द्वारा बागवानी फसलों के लिए क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में 40 हजार किसानांे का ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया। विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 40 हजार से अधिक कृषकों द्वारा ऑन लाइन पंजीकरण करा लिया गया है। पंजीकृत  कृषकों द्वारा औद्यानिक कार्यक्रम के पूर्ण होने पर अनुमन्य अनुदान डी.बी.टी. के माध्यम से बैंक खाते में अंतरित की जायेगी।


 दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2021-22 में पॉलीहाउस/शेडनेट हाउस में ऑफ सीजन हाई वैल्यू पुष्प/सब्जियों की खेती, नवीन शीतगृह, पैक हाउस, राइपेनिंग चैम्बर, प्रसंस्करण इकाई आदि स्वीकृत परियोजना प्रस्तावों के अनुमन्य अनुदान का अन्तरण। स्वीकृत परियोजना प्रस्तावों का अनुदान अंतरित किया जा चुका है। नवीन शीतगृह, पैक हाउस, राइपेनिंग चेम्बर, प्रसंस्करण इकाई आदि की स्थापना से फसलों के उत्पादन का मूल्य संवर्द्धन कर अधिक आय प्राप्त की जा सकेगी। पॉलीहाउस/शेडनेट हाउस में ऑफ सीजन हाई वैल्यू पुष्प/सब्जियों की खेती से आय में वृद्धि होगी। औद्यानिक विकास कार्यक्रमों का प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे: मशरूम उत्पादन, मौनपालन, गार्डनर ट्रेनिंग, विभागीय  कार्मिक, फल-सब्जी उत्पादन प्रशिक्षण में 2475 लाभार्थियों का प्रशिक्षण दिया गया।


उन्होंने बताया कि अद्यतन 2480 कृषकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। योजनान्तर्गत किसानों, उद्यमियों, कृषक उत्पादक संगठन  के सदस्यों तथा विभागीय कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि आम महोत्सव का आयोजन अवध शिल्प ग्राम, लखनऊ में दिनांक 04 से 07 जुलाई को आयोजित किया गया है। प्रदेश में आम का उत्पादन करने वाले किसानों द्वारा आम महोत्सव की प्रदर्शनी में वृहद स्तर पर प्रतिभाग किया  गया और प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत भी किया गया।


कृषि विपणन मंत्री ने बताया कि राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद उ0प्र0 चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर में रुपए 6.60 करोड़ की लागत से 50 कमरों के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास का निर्माण पूर्ण कराया गया है। इस उपलब्धि से अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ कृषि एवं कृषि विज्ञान के क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। मलिहाबाद, मिश्रित तथा भिनगा क्षेत्रों में कृषक एवं व्यापारियों को मूलभूत कृषि विपणन की सुविधाएं प्रदान करने के लिए रुपए 104.84 करोड़ की लागत से उप मंडी स्थल मलिहाबाद, नवीन मंडी स्थल मिश्रित एवं भिनगा का निर्माण कार्य किया गया है।


उन्होंने बताया कि मलिहाबाद, मिश्रित तथा भिनगा क्षेत्रों के कृषको एवं व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होने के साथ कृषि विपणन की व्यवस्था सुदृढ़ होगी। मण्डियों को आधुनिक स्वरूप देने के लिये तथा किसानों, व्यापारियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 19 नग नवीन मण्डियों यथा-1-मुजफ्फरनगर 2-शामली 3-साहिबाबाद 4-नोएडा 5-शाहजहाँपुर 6-पूरनपुर 7-खैर 8-छर्रा 9-कासगंज 10-मथुरा 11-कोसीकलॉ 12-भोजला भरारी (झांसी) 13-सीतापुर रोड लखनऊ 14-पलिया 15-सुल्तानपुर 16-बहराइच 17-गोरखपुर 18-सहजनवाँ 19-देवरिया का आधुनिकीकरण किया गया है।  दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि आधुनिकीकरण अन्तर्गत मुख्यतः ई-नाम आफिस की स्थापना बहुउद्देशीय इमारत व कैन्टीन की व्यवस्था एवं पूर्व सृजित परिसम्पत्तियों का संरक्षण इत्यादि किया गया है, जिससे कृषि विपणन प्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित कर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जा सके।


कृषि विपणन मंत्री ने बताया कि कृषि विपणन प्रक्रिया में सुधार एवं किसानों को प्रदेश के किसी भी मण्डी क्षेत्र में उत्पाद ले जाने की स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए व्दसपदम च्तम -।ततपअंस पास की व्यवस्था की गयी है। व्दसपदम च्तम - ।ततपअंस पास किसान स्वयं जारी कर सकता है। उन्होंने बताया कि इससे किसान को अपने उत्पाद के संचरण में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। किसानों व व्यापारियों की सुविधा के दृष्टिगत ईज आफ डूइंग बिज़नेस के अन्तर्गत ई-मण्डी क्रियान्वित की गयी है, ई-मण्डी में डिजिटल पेमेण्ट (एस.बी.आई के पेमेन्ट गेटवे के साथ इन्टीग्रेट कर) की व्यवस्था, स्वतः गेटपास जारी करने की व्यवस्था की गयी है। ई-मण्डी क्रियान्वयन से व्यापारियों को व्यापार करने में सहजता होगी। उन्होंने बताया कि प्रक्रियाओं को आनलाइन करने तथा कृषि विपणन को इन्सपेक्टर राज से मुक्त करने पर व्यापार को सुविधाजनक बनाया गया है। ई-नाम की 05 मण्डियों को मॉडल मण्डी बनाने के लिए तेलंगाना राज्य की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर 05 मण्डियों को माडल मण्डी बनाया गया। 05 मंडियों में प्राथमिक आवक की आनलाइन नीलामी कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि इन मंडियों मे ई-नाम भवन में हेल्पडेस्क स्थापित किये गए है, नीलामी चबूतरे पर ब्ब्ज्ट कैमरा स्थापित कराया गया है, ई-नाम के प्रचार प्रसार के लिए बैनर लगाये गए हैं, किसान के उत्पाद की तौल के लिए ूमपहीपदह ेबंसम एवं टिकर बोर्ड स्थापित किये गये हैं जिससे किसानो को ई निलामी के माध्यम से बेहतर मूल्य के अवसर बढ़ेंगे।


दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि किसानों को घटतौली से बचाने के लिये मण्डी परिषद द्वारा स्थापित ॅमपही-ठतपकहम को चरणबद्ध तरीके से सर्वप्रथम 50 मण्डियों में अपग्रेड किया गया है। जिससे तौल पर्ची को आनलाइन किया जा सके। तौल पर्ची आनलाइन हो जाने से जहां एक ओर कर चोरी पर अंकुश लगेगा वही किसानों को उनके उत्पाद का सही तौल प्राप्त होगा। रु0 61.87 करोड़ की लागत से आधुनिक मत्स्य मण्डी चंदौली परियोजना भारत सरकार, राज्य सरकार तथा मंडी परिषद उ0प्र0 के समन्वित सहयोग से निर्मित की जा रही हैं, जिसमें से भारत सरकार द्वारा 30 करोड रुपये, राज्य सरकार द्वारा 20 करोड रुपये तथा मंडी परिषद द्वारा 11.87 करोड़ रुपये का वहन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि योजना से चन्दौली क्षेत्र के मत्स्य-पालकों को व्यापार की सुविधा मिलेगी। रु0 8.66 करोड़ की लागत से सहजनवा, गोरखपुर में इंटीग्रेटेड पैक हाउस परियोजना एपीडा के सहयोग से स्थापित/क्रियान्वित की जा रही। एपीडा 1े डमउवतंदकनउ व िनदकमतेजंदकपदह संपादित हो गया हैं। इंटीग्रेटेड पैक हाउस के निर्माण से पूर्वी उतर प्रदेश से फल सब्जी के निर्यात के अवसर बढ़ जायेंगे।


सिंह ने बताया कि कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय, उत्तर प्रदेश 1. कृषि निर्यात पर देय मण्डी शुल्क की छूट की प्रक्रिया को सरलीकृत करने का उद्देश्यदिनांक 05 मई,2022 को किये गये शासनादेश द्वारा प्राप्त कर लिया गया। इस व्यवस्था से निर्यातकों को निर्यात पर मण्डी शुल्क/ प्रयोक्ता प्रभार व विकास सेस से छूट की व्यवस्था बैंक गारन्टी के सापेक्ष प्राप्त होनी प्रारम्भ हो गई है। उन्होेंने बताया कि कृषि विपणन निदेशालय का पुर्नगठन कर प्रत्येक जनपद में एक इकाई स्थापित के लक्ष्य की पूर्ति हेतु विभागीय कार्यवाही सम्पन्न कर ली गई है। इसके उपरान्त निदेशालय द्वारा किये जा रहे कार्यों का विकेन्द्रीकरण समस्त 18 मण्डलों एवं 75 जनपदों में सुनिश्चित होगा। मुख्यालय स्तर पर मार्केट इन्टेलीजेंस इकाई (डप्न्) की स्थापना का लक्ष्य पूर्ण कर ससमय डप्न् रिपोर्ट तैयार की गई है। प्रथम डिजिटलरिपोर्ट विभागीय पोर्टल ;ूूू-नचातपेीपअपचतंद-पद) पर अपलोड है।


 कृषि विपणन मंत्री ने बताया कि किसान/उत्पादक/व्यापारी/निर्यातकों को कृषि जिन्स की दरें, संबन्धित सूचनायें एवं नीतिगत परिवर्तनों की ससमय जानकारी देना।प्रत्येक जनपद में निर्यातोन्मुख उपज का चिन्हीकरण कर उसके सर्वांगीण विकास हेतु कार्ययोजना तैयार करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इसमें समस्त मंडलों/जनपदों के कृषि निर्यात परिदृश्य का आंकलन किया गया है। प्रदेश के विशाल क्षेत्रफल के दृष्टिगत प्रत्येक जनपद की चिन्हित फसलों के निर्यात की कार्ययोजना बनायी गयी है। इस निर्यात योजना द्वाराजिला/मंडल के संभावित उत्पादों का निर्यात बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश को कृषि निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायता प्राप्त होगी।


इस प्रेसवार्ता में प्रमुख सचिव उद्यान  राजेश कुमार सिंह, मण्डी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह, निदेशक कृषि विदेश व्यापार ऋषिरेन्द्र कुमार निदेशक उद्यान डा0 आर0के0 तोमर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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