कबीरधाम जिले के अति पिछड़ी जनजाति बैगा के 111 युवाओं को बनाया शाला संगवारी

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कबीरधाम जिले के अति पिछड़ी जनजाति बैगा के 111 युवाओं को बनाया शाला संगवारी

कबीरधाम जिले के अति पिछड़ी जनजाति बैगा के 111 युवाओं को बनाया शाला संगवारी


कबीरधाम जिले के अति पिछड़ी जनजाति बैगा के 111 युवाओं को बनाया शाला संगवारी

कवर्धा :  छत्तीसगढ़ सरकार के केबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक  मोहम्मद अकबर ने प्रदेश के कबीरधाम जिले में निवासरत बैगा समाज (अति पिछड़ी जनजाति) को एक बार फिर बड़ी सौगात देते हुए इस वर्ग के 111 युवक-युवतियों के लिए शाला संगवारी के रूप चयन कर रोजगार के द्वार खोल दिया है। अकबर ने आज कलेक्टोरेट कार्यालय के सभा कक्ष में बैगा जनजाति व आदिवासी वर्ग के शाला संगवारी के सभी चयनितों प्रमाण पत्र वितरण किया। मंत्री  अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए  विशेष पिछड़ी जनजातियों को सामाजिक उत्थान की दिशा इस वर्ग के पढे-लिख युवक-युवतियों को चतुर्थ एवं तृतीय वर्ग शासकीय नौकरी में सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। राज्य शासन की इस दिशा में काम करना दिया है। अकबर ने कहा कि शाला संगवारी के रूप में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने ने विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति वर्ग के युवक-युवतियों में उत्साह देखा जा रहा है। जिला प्रशासन स्तर पर यह कदम उनके जीवन उत्थान की दिशा में सकारात्मक कदम साबित होगा। जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय ने बताया कि इस वर्ष शिक्षकविहीन व एकल शिक्षक विहीन स्कूलो में माध्यमिक स्कूल के 8, हाईस्कूल के 4 और प्राथमिक स्कूल के 99 स्कूलों में शाला संगवारी के रूप में चयन किया गया है। इस अवसर पर कलेक्टर  जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक  लाल उम्मेद सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, क्रेडा सदस्य  कन्हैया अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी लाल साहू,  निलकंठ चन्द्रवंशी, बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष  ईतवारी बैगा, जिला अध्यक्ष कामू बैगा सहित अन्य जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे।  
 
रोजगार सृजन करने में कबीरधाम जिला अव्वल

छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में कबीरधाम पहला जिला बन गया है, जहां छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 में संशोधन करने के बाद नई नीति के तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया के साथ-साथ चार और बडे काम किए गए है, जिससे जनसमान्य को प्रत्यक्ष लाभ मिला रहा है। जिला खनिज संसाधन न्यास के तहत कबीरधाम जिले में प्रदेश में पहली बार ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए 80 एएनएम की पदस्थापना की गई है। जिला अस्पताल में अलग-अलग विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की गई है। इसके अलावा इस मद से जिले के सुदूर और पहुंच विहीन क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बाईक एम्बूलेंस चलाई जा रही है। बाईक एम्बूलेंस से जिले से हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।

बैगा परिवार को विकास की मुख्य धारा मे लाने का प्रयास जारी- मंत्री  मोहम्मद अकबर

प्रदेश के वन परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री  मोहम्मद अकबर ने युवक-युवतियों को शाला संगवारी का प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई सरकार जो कहती है उन्हें पूरा भी करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवासरत अति पिछडी जनजाति वर्ग के शिक्षित युवक-युवतियों को शिक्षा और विकास के मुख्य धारा में लाने सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस वर्ग के युवक-युवतियां को रोजगार देकर उन्हे मुख्यधारा में लाने की शुरूआत कबीरधाम जिले से कर दी है। डीएमएफ की राशि से शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और उन्हें प्रभावी बनाने के लिए संसाधनों की उपलब्धता बनाने स्कूलों के शिक्षकों की कमी दूर करने तथा खनन और संबंध गतिविधियों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रभावित इलाकों के परिवार के सदस्यों को नर्सिग, चिकित्सा शिक्षा, इंजीनियरिंग, निधि प्रबंधन, उच्च शिक्षा, व्यवसायिक, तकनीकी शिक्षा, शासकीय संस्थाओं, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक शुल्क और छात्रावास शुल्क में भुगतान के साथ ही सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग और आवासीय प्रशिक्षण की समूचित व्यवस्था की जा रही है।
 
शाला संगवारी चयनित इस प्रकार है -
सुबेसिंह, खेम मेरावी , रमेश कुमार धुर्वे, मीना , सुनऊ सिंह,  गंगोत्री, पंचवती, खुजुर सिंह, सुखदेवी, हिरदु सिंह बैगा, धरमसिंह, शत्रुहन, करनसिंह, रामप्रसाद, सम्मलसिंह, राजेश कुमार बैगा, ईश्वर सिंह, तेजेश्वी, रतन सिंह धुर्वे, दिनेश, जगमोहन धुर्वे, गायत्री पिंडुलिया, सुखबती, राजकुमार, कु. जानकी धुर्वे, संजू कुमार मेरावी , टेकवंतीन धुर्वे, दिलीप कुमार, केशव प्रसाद, सोना बाई, नीतेश कुमार, सोनसिंह, चन्द्रबती, तिजऊ राम, सुकसिंह, भगतिन, तिजिया, सुखदेव राम, प्रेम सिंह, अजय सिंह मेरावी, गणेश कुमार मेरावी, बुध सिंह, सीमा, बरसाती, कृष्णा कुमार, पंचवती मरावी, ममता, बुधराम धु्रर्वे, रामसिंह बैगा, रामाधीन, मनबोधी, जनिया बैगा, दुकलू राम, ललित कुमार बैगा, जय सिंह बैगा, सोनराज, चैनसिंह, तिहारी, अमरित लाल,  बिरसो बाई, राम कुमार, मान बैगा, संतोष कुमार बैगा, सरोज, ओमप्रकाश, शिवराम, मोतीलाल बैगा, मुंगेल सिंह, गन्नू राम, हिरऊ राम, परसादी,  चम्पाबाई, अमित कुमार बैगा, शिवकुमारी, समली, सिरऊ राम, सजनू बैगा,  लता धुर्वे, राजेन्द्र मेरावी,समारी, मुन्ना सिंह धु्रर्वे, जाम बाई, तुलसी राम, कांशीराम, शंकरलाल, फूलबाई, संतराम बैगा, शन्ती, हिरौन्दा, लक्ष्मी धुर्वे, शिकारी, विरेन्द्र कुमार, धनसिंह, सुकलू सिंह, सियाराम, मोतीराम, जगनी बैगा, संतोषी मेरावी, घुरवा राम धुर्वे, सुकल सिंह, चरनू सिंह, सुरेश कुमार मेरावी , कंवल राम छेदावी, मुकेश कुमार बैगा, कोदूराम धुर्वे, जयसिंह, बुधलाल ,कृष्णा सिंह, मानसिंह, धनसिंह, राजाराम शामिल है।

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