सिकलसेल के सर्वेक्षण एवं जाँच का दायरा 40 वर्ष की उम्र तक बढ़ाया जाए: राज्यपाल पटेल
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकलसेल एनीमिया के सर्वेक्षण एवं जाँच का दायरा 40 वर्ष की उम्र तक बढ़ाया जाए। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आवश्यक कार्रवाई करे। उन्होंने राज्य रेडक्रास सोसाइटी को सिकलसेल एनीमिया रोग उपचार एवं प्रबंधन प्रयासों की पहुँच को विस्तारित करने,मजबूत बनाने और छोटी-छोटी बातों का भी गंभीरता के साथ परीक्षण, पर्यवेक्षण करने में सहयोग के लिए निर्देशित किया। राज्यपाल पटेल राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राज्य रेडक्रास सोसाइटी और राजभवन के अधिकारियों के साथ सिकलसेल रोग उपचार एवं प्रबंधन प्रयासों पर चर्चा कर रहे थे।
राज्यपाल पटेल ने विश्व सिकलसेल दिवस 19 जून को देश के साथ मध्यप्रदेश में हुए अनूठे कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम सब के विकास के लिए सबके साथ, विश्वास और प्रयासों का आदर्श रूप है। सिकलसेल एनीमिया रोग उपचार एवं प्रभावी प्रबंधन के लिए सर्वेक्षण और जाँच का कार्य तेज गति से किया जाना आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों से कहा कि 3 माह बाद कार्य की प्रगति की जमीनी हकीकत की जानकारी वे स्वयं लेंगे। सभी अधिकारी-कर्मचारियों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि कार्य को अनिवार्यतः निश्चित समय में पूरा करना है। आगामी 3 माह में युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए, जिससे इस अवधि के जमीनी अनुभवों को कार्य-योजना में शामिल किया जा सके। इससे समय से पहले लक्ष्य की प्राप्ति संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मिशन, विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में विवाह और जाँच संबंधी परामर्श सेवाओं में सहयोग करे। रोग उपचार प्रबंधन कार्य संबंधी प्रोटोकॉल तैयार कर रोग बहुल 89 विकास खंडों में उपचार एवं प्रबंधन प्रयासों में रेडक्रास समितियों का मार्गदर्शन करे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकलसेल उपचार प्रबंधन के पूरक प्रयासों के लिए राजभवन द्वारा राज्य एवं जिला स्तरीय रेडक्रास समितियों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई गई है। समिति के सदस्य समाज के जिम्मेदार नागरिक के कर्तव्यों का पालन करते हुए रोग उपचार प्रबंधन में जन-भागीदारी से वित्तीय सहयोग प्राप्त करें। आवंटित राशि का उपयोग राज्य सरकार के हिमोग्लोबिनपैथी मिशन के प्रयासों की रिक्तता पूर्ति, वॉक-इन सुविधाओं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता, रोगी पंजीकरण और उपचार प्रयासों में सहयोग, मार्गदर्शन और उपचार पर्यवेक्षण में किया जाए।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा, सदस्य सचिव जनजातीय प्रकोष्ठ बीएस जामोद, उप सचिव डीके जैन, राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन गगन कोल्हे, उप संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. रूबी खान, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य और राजभवन के अधिकारी मौजूद थे।