धमतरी : कलेक्ट्रेट और आसपास के कार्यालयों में कार्यरत शिशुवती महिलाओं को अपने छोटे बच्चों की देखभाल और खान-पान के लिए अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर तब, जब माता-पिता दोनों घर से बाहर काम पर जाते हों और उनके बच्चे की घर में देखभाल के लिए कोई परिजन अथवा केयर टेकर नहीं हो। अगर बच्चा दुधमुंहा हो तो कामकाजी महिला और परेशान रहती है। इसके मद्देनजर कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने कोरोना काल से कलेक्ट्रेट परिसर में बंद पड़े झूला घर को एक बार फिर शुरू करने के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए। विभाग द्वारा कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 34 में झूला घर सोमवार से फिर शुरू कर दिया गया है। बच्चों की देखभाल के लिए यहां सुबह 10 से शाम साढ़े पांच बजे तक दो केयर टेकर की व्यवस्था की गई है। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी जगरानी एक्का ने बताया कि सोमवार से शुरू हुए इस झूलाघर को बेहतर प्रतिसाद मिलने लगा है। पहले दिन ही दो माताएं अपने बच्चों को झूलाघर लेकर आईं। गौरतलब है कि बच्चे यहां खिलौनों से खेलकर थक जाएं, तो उनके सोने के लिये दो बिस्तर भी उपलब्ध हैं। अब कलेक्ट्रेट तथा आसपास के कार्यालयों में काम करने वाली महिलाएं अपने बच्चों को यहां छोड़ निश्चिंत होकर अपने शासकीय दायित्व का निर्वहन कर पाएंगी।