जलजीवन मिशन के कार्यों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण शासन की प्राथमिकता

जलजीवन मिशन के कार्यों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण शासन की प्राथमिकता
 

रायपुर :  राज्य के ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप जल जीवन मिशन के कार्यों का तेजी से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन राज्य शासन की प्राथमिकता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने जल जीवन मिशन के कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसी कड़ी में धमतरी कलेक्टर  पी. एस. एल्मा ने जलजीवन मिशन के तहत जिला जल एवं स्वच्छता समिति की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभिन्न जलप्रदाय योजनाओं के तहत निर्माणाधीन कार्यों के संबंध में निर्देेशित किया कि गुणवत्तापूर्ण निर्माण शासन की पहली प्राथमिकता है तथा संबंधित विभागों के अधिकारी कार्यों में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतें और यह सुनिश्चित करें कि कार्यों का क्रियान्वयन मैदानी स्तर पर दिखे। उन्होंने कहा कि जलप्रदाय योजनाओं के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रचार-प्रसार करें, जिससे यह संदेश लोगों तक जाए कि जलजीवन मिशन उनकी अपनी योजना है तथा निर्माण के बाद योजनाओं का संधारण एवं अनुरक्षण ग्राम स्तर पर उनके ही द्वारा किया जाना है।


इस समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने रेट्रोफिटिंग जलप्रदाय योजना, सिंगल विलेज योजना सोलर आधारित जलप्रदाय योजना तथा समूह जलप्रदाय योजना की विकासखण्डवार, योजनावार, कार्य की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने सभी विभागीय अमलों को मैदानी स्तर पर जाकर  वस्तुस्थिति से अवगत होने तथा कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जहां पर अन्य विभाग से समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता से कही। 


बैठक में अधिकारियों ने बताया कि रेट्रोफिटिंग जलप्रदाय योजना के तहत 262 स्वीकृत योजनाओं के विरूद्ध सभी के कार्यादेश जारी हो चुके हैं और इनमं से 246 कार्य प्रगति पर हैं। सिंगल विलेज जलप्रदाय योजनांतर्गत 361 स्वीकृति कार्यों में से 360 की तकनीकी स्वीकृति, 335 की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है और 195 के वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं जबकि 134 योजनाएं प्रगति पर हैं। इसी तरह सोलर आधारित पेयजल योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 80 में से सभी के कार्यादेश जारी हो चुके हैं तथा 14 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इसके अलावा चार प्रस्तावित समूह जलप्रदाय योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि सांकरा समूह जलप्रदाय योजना, घठुला जलप्रदाय योजना की निविदा प्रक्रियाधीन है, जबकि बेलरगांव तथा रूद्री समूह जलप्रदाय योजना वर्तमान में विचाराधीन है।


 कलेक्टर एल्मा ने बैठक में सिंगल विलेज योजनाओं की छह तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कार्यांे की प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया। जिसके तहत दो करोड़ 83 लाख 23 हजार रूपए लागत वाले एफएचटीसी के 422 कार्य शामिल है। इस अवसर पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जलजीवन मिशन की नोडल अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।