वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रस्तावित घठौला बांध क्षेत्र का किया निरीक्षण

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रस्तावित घठौला बांध क्षेत्र का किया निरीक्षण
 

कवर्धा :  प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री तथा कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने ग्राम जरहा नवागांव के पास प्रस्तावित घठौला बांध के क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामवासियों के साथ बैठकर चर्चा की। ग्रामवासियों ने घठौला बांध बनाने की मांग की। वही बांध बनने से प्रभावित होने वाले लोगों ने अपने व्यवस्थापन की मांग की। इस दौरान कलेक्टर  रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह उपस्थित थे।


       केबिनेट मंत्री  मोहम्मद अकबर जिले के प्रवास के दौरान बोड़ला विकासखंड के ग्राम जरहा नवागांव पहुँचे। जहां बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित बांध के संबंध में ग्रामवासियों से चर्चा कर उनकी आवश्यकताओं, जरूरतों और समस्याओं की जानकारी ली। सरपंच तिजउ राम साहू, उपसरपंच मायाराम साहू सहित ग्राम की महिलाओं व पुरूषों ने अपनी बातें रखी। अधिकांश ग्रामवासियों ने इस क्षेत्र में पानी की समस्या की जानकारी देकर बांध बनने की आवश्यकता बताई। साथ ही बांध बनने से प्रभावित होने वाले ग्रामवासियों ने मंत्री के समक्ष कहा कि वे बांध बनने के विरोध में नहीं है, लेकिन उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनका व्यवस्थापन किया जाए, जिससे उनके रहने व खेती किसानी के लिए जगह उपलब्ध हो सके।


        मंत्री  अकबर ने कहा कि 1998 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में अधिक से अधिक विकास कार्य कराने का प्रयास किया है। क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलियों का जाल बिछाने के साथ ही उन्होंने सुतियापाट जलाशय का निर्माण भी कराया है। 1998 के 40 वर्ष पूर्व से सुतियापाट जलाशय की मांग की जाती रही है। मंत्री  अकबर ने बताया कि वर्ष 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री  अजीत जोगी के साथ यहां उन्होंने सुतियापाट जलाशय के शिलान्यास का कार्य सम्पन्न कराया था। उन्होंने कहा कि घठौला बांध बनाये जाने से प्रभावित लोगों में कुछ ऐसे भी प्रभावित लोग है जिन्हें सुतियापाट जलाशय के लिए यहॉ विस्थापित किया गया था।


      मंत्री  मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रस्तावित घठौला बांध के निर्माण के लिए सबसे पहले आपसी सहमति बनाने की आवश्यकता है। प्रभावित लोगों के व्यवस्थापन के संबंध में सहमति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग बांध के लिए सर्वे प्रारंभ कर इसके जलभराव क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) तथा डुबान क्षेत्र की जानकारी एकत्रित करें। राजस्व विभाग यह जानकारी उपलब्ध कराएं कि बांध के क्षेत्र में कितने लोगों की जमीन प्रभावित होगी। ग्रामवासियों में आपसी सहमति बनने पर बांध निर्माण की दिशा में विचार किया जायेगा। इस दौरान जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी  संदीप अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर रावटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।