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नशे की लत में डूबे चोरों ने उड़ाया दुकान का माल, पुलिस ने किया रंगे हाथों गिरफ्तार!

By: Sansar Live Team

On: Thursday, May 1, 2025 2:04 PM

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Dehradun News : देहरादून के बसंत विहार क्षेत्र में हाल ही में हुई एक चोरी की घटना ने स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया था। लेकिन, दून पुलिस की तत्परता और सूझबूझ ने इस मामले को जल्दी ही सुलझा लिया। पुलिस ने न केवल चोरी के दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, बल्कि उनके कब्जे से चुराया गया सामान भी बरामद कर लिया। यह घटना नशे की लत और उससे जुड़े अपराधों की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है। आइए, इस मामले की पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं।

12 अप्रैल 2025 को देहरादून के मोहित नगर निवासी रविंद्र गुप्ता ने बसंत विहार थाने में शिकायत दर्ज की। उनकी जीएमएस रोड पर स्थित दुकान, पंजाब मार्बल, से अज्ञात चोरों ने दो लोहे के स्टैंड चुरा लिए थे। यह स्टैंड मार्बल्स को रखने के लिए इस्तेमाल होते थे। रविंद्र की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और भारतीय दंड संहिता की धारा 317(2)/324(4) के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस की सक्रियता और स्थानीय लोगों के सहयोग से इस मामले में जल्द ही प्रगति हुई।

30 अप्रैल 2025 को पुलिस को एक मुखबिर से महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इसके आधार पर शास्त्रीनगर खाला ढाल के पास सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस ने दो संदिग्धों, मोनू रावत और मोहम्मद आरिफ, को चुराए गए लोहे के स्टैंड के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। पूछताछ में दोनों ने अपनी करतूत कबूल कर ली। उन्होंने बताया कि वे नशे के आदी हैं और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए चोरी की वारदात को अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात यह थी कि मोनू रावत का आपराधिक इतिहास रहा है और वह पहले भी जेल जा चुका है।

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में 27 वर्षीय मोनू रावत, मानिक विहार कॉलोनी, रायपुर, और 26 वर्षीय मोहम्मद आरिफ, एमडीडीए कॉलोनी, डालनवाला, शामिल हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चुराए गए दोनों लोहे के स्टैंड बरामद कर लिए। इस सफलता ने न केवल दुकान मालिक को राहत दी, बल्कि क्षेत्र में पुलिस की सतर्कता का भी संदेश दिया।

इस घटना ने एक बार फिर नशे की लत को अपराध का एक प्रमुख कारण के रूप में सामने लाया। अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि नशे की पूर्ति के लिए उन्होंने यह कदम उठाया। यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि नशे की लत न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करती है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है। स्थानीय प्रशासन और समुदाय को मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

दून पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने लोगों का भरोसा जीता है। पुलिस टीम, जिसमें अ0उ0नि0 गंभीर सिंह राणा, हे0कां0 जितेंद्र, का0 दीपक, का0 विपिन, और का0 अनुज शामिल थे, ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और पेशेवर दृष्टिकोण से मामले को जल्दी सुलझाया। इस घटना ने यह भी दिखाया कि पुलिस और जनता के बीच सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।

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