Uttarakhand News : DM का अचानक छापा! गोदाम में हड़कंप, अनाज की हुई मौके पर ही जांच


देहरादून : माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने गुलरघाटी स्थित बेस खाद्य गोदाम का औचक निरीक्षण किया। यह दौरा इतना गोपनीय था कि गोदाम के कर्मचारियों और अधिकारियों में डीएम के पहुंचते ही हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान जो खामियां सामने आईं, वे चौंकाने वाली थीं। अनाज की गुणवत्ता से लेकर गोदाम की व्यवस्था तक, हर मोर्चे पर लापरवाही का आलम देख डीएम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

जनता की सेहत से खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त

जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि दूरस्थ गांवों के निवासी, स्कूली बच्चे और गर्भवती माताएं इस अनाज पर निर्भर हैं। ऐसे में निकृष्ट अनाज का सेवन उन्हें बिल्कुल नहीं करने दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान डीएम ने अनाज के सैंपल लिए, जिनमें से कई प्रथम दृष्टया फेल पाए गए। इसके बाद क्विंटलों अनाज को मौके पर ही रिजेक्ट कर नष्ट करने के आदेश दे दिए गए। डीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि गोदाम में मौजूद हर बोरी की जांच हो। जांच में पता चला कि बोरियों पर न तो भरने की तारीख लिखी थी, न ही वजन सही था। एक बोरी का वजन 50.58 किलो होना चाहिए था, लेकिन वह 50.15 किलो ही निकला। यह देख डीएम ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

गोदाम में अव्यवस्था का बोलबाला

गुलरघाटी गोदाम का हर कोना छानने के बाद डीएम को कई गंभीर खामियां मिलीं। न तो रजिस्टर ठीक से मेंटेन था, न ही फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) का पालन हो रहा था। अनाज रखने के लिए रैक नहीं थे, चूहों से बचाव के लिए रैट ट्रैप की व्यवस्था नहीं थी और बोरियों की सिलाई भी तय मानकों वाली सुतली से नहीं हुई थी। डीएम ने सवाल उठाया कि अगर व्यवस्था में कमी थी, तो इसे ऊपरी अधिकारियों के सामने क्यों नहीं लाया गया? उन्होंने तत्काल सुधार के निर्देश दिए और कहा कि अगर पहले सूचना दी गई थी, तो उसका सबूत पेश करें।

अधिकारियों पर गिरी गाज

इस लापरवाही के लिए वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी पर कड़ी कार्रवाई की गई। डीएम ने उनकी प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने, वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए। इसके साथ ही, डीएम ने कहा कि मानकों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। निरीक्षण में अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, तहसीलदार सुरेंद्र देव और फूड सेफ्टी ऑफिसर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। करीब पांच घंटे तक चले इस ऑपरेशन में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

सरकार की प्रतिबद्धता का सबूत

यह निरीक्षण सिर्फ देहरादून तक सीमित नहीं है। गुलरघाटी गोदाम से गढ़वाल मंडल के कई जिलों में अनाज की आपूर्ति होती है। ऐसे में डीएम का यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें जनता की सेहत और भरोसे को सर्वोपरि रखा गया है। डीएम ने कहा, “पहले आया अनाज पहले बिकेगा, यह नियम हर हाल में लागू होगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” यह घटना न सिर्फ प्रशासन की सक्रियता को दिखाती है, बल्कि आम लोगों को यह भरोसा भी दिलाती है कि उनकी सेहत से कोई समझौता नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *