Uttarakhand Liquor Price Increase : देहरादून से एक बड़ी खबर आ रही है। उत्तराखंड आबकारी विभाग ने शराब पर लगने वाले वैट (VAT) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब वैट को एक्साइज ड्यूटी के बाद लगाया जाएगा, पहले की तरह ड्यूटी से पहले नहीं। इस छोटे से बदलाव से शराब की कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन राज्य सरकार के खजाने में पहले से कहीं ज्यादा पैसा आएगा।
पहले क्या गलती हो गई थी?
वित्तीय वर्ष 2025-26 की नई आबकारी नीति लागू करते समय विभाग ने वैट को एक्साइज ड्यूटी से पहले ही जोड़ दिया था। नतीजा? एक्साइज ड्यूटी पर वैट नहीं लग पाया और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका थी। विभाग का दावा था कि इस साल शराब से 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व आएगा, लेकिन पुराने फॉर्मूले से यह लक्ष्य मुश्किल दिख रहा था।
जब वित्त विभाग ने इस पर सख्त ऐतराज जताया और पूरी डिटेल मांगी, तब आबकारी विभाग को अपनी गलती सुधारनी पड़ी। अब प्रमुख सचिव आबकारी के नए आदेश के बाद वैट फिर से एक्साइज ड्यूटी के बाद लगेगा।
कितना असर पड़ेगा कीमतों पर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से ज्यादातर ब्रांड्स की शराब 50 से 150 रुपये तक महंगी हो सकती है। उत्तराखंड में वैट की दर 12% है। अब जब यह एक्साइज ड्यूटी के ऊपर भी लगेगा, तो अंतिम कीमत में सीधा इजाफा होगा।
उदाहरण से समझें:
- मान लीजिए एक बोतल की बेस कीमत 500 रुपये है
- उस पर एक्साइज ड्यूटी 300 रुपये लगती है
- पहले वैट सिर्फ 500 रुपये पर लगता था = 60 रुपये
- अब वैट 800 रुपये (500 + 300) पर लगेगा = 96 रुपये
- यानी 36 रुपये ज्यादा सिर्फ एक बोतल पर
राज्य को क्यों है इसकी सख्त जरूरत?
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में टैक्स के बड़े स्रोत सीमित हैं। पर्यटन और शराब से मिलने वाला राजस्व सरकार की कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा है। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी (नाम न छापने की शर्त पर) ने बताया, “शराब से होने वाली आय राज्य के विकास कार्यों, सड़क, स्कूल और अस्पतालों के लिए बेहद जरूरी है। अगर वैट का सही हिसाब नहीं लगता, तो बजट में भारी कमी आ सकती है।”
क्या बिक्री घट जाएगी?
कई बार कीमत बढ़ने से लोग कम शराब खरीदते हैं। लेकिन उत्तराखंड में शराब की खपत पिछले 5 साल में करीब 18% बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि थोड़ी-बहुत कीमत बढ़ने से बिक्री पर बहुत बड़ा असर नहीं पड़ेगा, खासकर त्योहारों और पर्यटन सीजन में।
आगे क्या?
यह संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। अब सभी शराब की दुकानों और बार को नई कीमतों के हिसाब से बिलिंग करनी होगी। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से न सिर्फ इस साल का लक्ष्य पूरा होगा, बल्कि अगले साल और ज्यादा राजस्व आएगा।
संक्षेप में – शराब पीने वालों की जेब ढीली होगी, लेकिन उत्तराखंड सरकार का खजाना मजबूत होगा।
