Uttarakhand Disaster : उत्तराखंड इन दिनों प्रकृति के कहर से कराह रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार पर इस संकट की घड़ी में उत्तराखंड को अनदेखा करने का गंभीर आरोप लगाया है।
रविवार, 31 अगस्त को देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड को पूरी तरह भूल चुके हैं। उन्होंने केंद्र और धामी सरकार पर आपदा से जूझ रहे लोगों की अनदेखी का इल्ज़ाम लगाया।
PM मोदी बिहार चुनाव और विदेश दौरों में व्यस्त
धस्माना ने तीखे शब्दों में कहा कि PM मोदी या तो ब Bिहार में होने वाले चुनावों की तैयारियों में उलझे हैं या विदेशी दौरे कर रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड के लोगों की तकलीफों को देखने की उन्हें फुर्सत नहीं है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने न तो आपदा के नुकसान का आकलन करने के लिए कोई केंद्रीय दल भेजा और न ही किसी केंद्रीय मंत्री को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए कहा। इतना ही नहीं, केंद्र ने अभी तक उत्तराखंड के लिए कोई राहत पैकेज भी घोषित नहीं किया।
पहाड़ों पर आपदा का तांडव, जन-धन की भारी हानि
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके आपदा की मार से त्रस्त हैं। धस्माना ने बताया कि उत्तरकाशी जिले के धराली, हर्षिल, स्यानाचट्टी, रानाचट्टी और गंगोत्री-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। धराली और हर्षिल में लोगों के घर, दुकानें, होटल और होमस्टे बाढ़ में बह गए। कई लोगों की जान चली गई। चमोली जिले के थराली, देवाल और बदरीनाथ में भी आपदा ने भारी तबाही मचाई। पौड़ी जिले का बड़ा हिस्सा भी आपदा की चपेट में है।
राज्य सरकार पर भी सवाल, श्वेत पत्र की मांग
कांग्रेस नेता ने उत्तराखंड की धामी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश आपदा की मार झेल रहा है, लेकिन धामी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार जैसे मुद्दों में उलझी है। धस्माना ने मांग की कि राज्य सरकार आपदा से हुए नुकसान का श्वेत पत्र जारी करे। साथ ही, केंद्र से उत्तराखंड को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने और राहत व पुनर्वास के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की।
अगस्त में उत्तराखंड पर टूटीं आपदाएं
उत्तराखंड में अगस्त का महीना आपदाओं की भयानक घटनाओं का गवाह बना। 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली में भीषण आपदा ने पूरे बाजार को 20 फीट मलबे के नीचे दबा दिया। कई लोग लापता हो गए, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला। 6 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल और 21 अगस्त को स्यानाचट्टी में कृत्रिम झील बनने से स्थिति और बिगड़ गई। 22 अगस्त को चमोली के धराली में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। हाल ही में रुद्रप्रयाग के बसुकेदार में भी आपदा ने भारी तबाही मचाई।
