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Uttarakhand Disaster 2025 : 211 करोड़ से अधिक की आपदा क्षति, डीएम ने किया हाई‑लेवल सर्वे

By: Sansar Live Team

On: Tuesday, September 23, 2025 8:44 AM

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Uttarakhand Disaster 2025 : जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा से तबाह हुए देहरादून जिले के लिए कमर कस ली है। ऋषिपर्णा सभागार में देर शाम हुई एक हाई-लेवल मीटिंग में डीएम ने आपदा से हुए नुकसान और पुनर्स्थापना कार्यों की गहन समीक्षा की। 15 सितंबर की रात को हुई भारी बारिश ने जिले को करीब 211 करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुमानित नुकसान पहुंचाया है।

अभी भी नुकसान का आंकलन चल रहा है। डीएम ने मझाड़, कार्लीगाड, फुलैत, छमरोली, क्यारा, सरोना, भीतरली किमाड़ी, सिल्ला, चामासारी, पुरकुल और धनोला जैसे क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायजा लिया और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए।

आपदा प्रभावितों की मदद पहली प्राथमिकता

डीएम सविन बंसल ने आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में दौरा किया, राहत और बचाव कार्यों को जमीन पर उतारा और अब नुकसान की गणना शुरू कराई है। सीडीओ, एसडीएम, अधीक्षण अभियंताओं, कृषि, पशुपालन और उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ हाई-लेवल मीटिंग में डीएम ने साफ कहा, “बिजली, सड़क, पेयजल की बहाली और घर, खेत, फसलों का तुरंत मुआवजा देना हमारी पहली जिम्मेदारी है।”

हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाने के लिए डीएम ने हर क्षेत्र में सीनियर क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRT) तैनात की हैं। सहस्त्रधारा, मझाड़ (कार्लीगाड), भीतरली किमाड़ी, सिरोना-फुलेत जैसे इलाकों पर खास ध्यान देते हुए पूरे जिले के नुकसान को रिकॉर्ड किया गया है।

बजट का इंतजार नहीं, तुरंत एक्शन

डीएम ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए कि बजट की कमी का बहाना न बनाएं। प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत व्यवस्था की जाए और जिला व शासन को प्रस्ताव भेजे जाएं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (PWD) और पीएमजीएसवाई को आदेश दिया कि संपर्क से कटे गांवों को युद्धस्तर पर जोड़ा जाए। बिजली, पेयजल और सड़क जैसी बुनियादी सेवाओं को 100% बहाल करने के लिए प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए।

डीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी विभाग मिलकर भवनों, फसलों, पशुओं और उद्यानों को हुए नुकसान का आंकलन करें और मुआवजा सीधे प्रभावितों के हाथों में पहुंचाया जाए।

211 करोड़ का नुकसान, आंकलन जारी

जिले में आपदा ने भारी तबाही मचाई है। प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग के 13 पुल और जाखन पुल की एप्रोच को 13.46 करोड़, पेयजल निगम को 18.23 करोड़, जल संस्थान को 13.31 करोड़, सिंचाई विभाग को 64.50 करोड़, विद्युत विभाग को 10.63 करोड़, शिक्षा विभाग को 4.18 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 4.15 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख, कृषि विभाग को 54 लाख, उद्यान विभाग को 8.78 लाख और पीएमजीएसवाई को 26.38 करोड़ का नुकसान हुआ है।

सभी विकास खंडों में 9.23 करोड़ का अनुमानित नुकसान दर्ज किया गया है। डीएम ने सभी विभागों से बारी-बारी से नुकसान की जानकारी ली और तेजी से कार्यवाही के निर्देश दिए।

अधिकारियों की मौजूदगी

इस अहम बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी (वित्त और राजस्व) के.के. मिश्रा, अधीक्षण अभियंता (सिंचाई) संजय राय, अधीक्षण अभियंता (लोनिवि) ओमपाल सिंह, अधीक्षण अभियंता (यूपीसीएल) श्री जैन, अधीक्षण अभियंता (जल संस्थान) नमित रमोला, अधीक्षण अभियंता (पीएमजीएसवाई) आरएस गुंसाई सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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