Unified Pension Scheme : नवंबर तक बढ़ी यूपीएस की समयसीमा, जानें अब क्या करना है जरूरी

Unified Pension Scheme : केंद्र सरकार ने (National Pension Scheme) में आने वाले कर्मचारियों को (Unified Pension Scheme) में शिफ्ट करने के लिए और दो महीने का समय दिया है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सरकार की ओर से ये एक्सटेंशन क्यों दिया गया। वास्तव में (Unified Pension Scheme) को लेकर सरकारी कर्मचारियों की ओर से कोई खास जोश दिखाई नहीं दिया है।

अभी तक सिर्फ एक लाख सरकारी कर्मचारियों ने (Unified Pension Scheme) के तहत अपने आपको रजिस्टर कराया है। जिसकी वजह से सरकार ने इसकी डेट को नवंबर एंड तक कर दी है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से (Unified Pension Scheme) को लेकर किस तरह का अपडेट जारी किया है?

सरकार ने बढ़ाई (Unified Pension Scheme) की डेडलाइन?

वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों की हल्की प्रतिक्रिया को देखते हुए ‘(Unified Pension Scheme)’ का विकल्प चुनने की डेडलाइन को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने (Pension Fund Regulatory and Development Authority) के चेयरमैन को भेजी सूचना में कहा कि कर्मचारियों के लिए (Unified Pension Scheme) का विकल्प चुनने की समयसीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

विभाग ने कहा कि (Unified Pension Scheme) में हाल ही में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं जिनमें स्विच विकल्प, इस्तीफा या अनिवार्य सेवा निवृत्ति पर लाभ एवं कर छूट शामिल हैं। इसे देखते हुए संबंधित पक्षों ने कर्मचारियों को निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की थी। विभाग ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए (Unified Pension Scheme) का विकल्प चुनने की समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है। यह निर्णय वित्त मंत्री की मंजूरी के बाद लिया गया है।

क्या है (Unified Pension Scheme) स्कीम?

मंत्रालय ने (Pension Fund Regulatory and Development Authority) से अनुरोध किया है कि इस बदलाव को लागू करने के लिए अपनी प्रणाली और नियमों में जरूरी संशोधन करें। सरकार ने एक अप्रैल, 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए (Unified Pension Scheme) को (National Pension Scheme) के एक विकल्प के रूप में पेश किया हुआ है।

(Unified Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के उलट यह योजना योगदान पर आधारित है, जिसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत देना होगा जबकि सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान देगी। छह महीने के भीतर करीब एक लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने ही (Unified Pension Scheme) का विकल्प चुना है, जबकि इसके लिए कुल पात्र कर्मचारियों की संख्या 23 लाख है।