Uttarkashi News : उत्तराखंड के यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बीते 23 जून को हुए भीषण भूस्खलन ने एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता को उजागर किया है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री की ओर जाने वाले मार्ग पर नौकैंची के पास अचानक बोल्डर और मलबा गिरने से चार से पांच यात्री खाई में गिर गए थे।
इस हादसे में लापता हुए दो यात्रियों के शव अब भगेली गाड़ यमुना नदी में मिले हैं, जिसने स्थानीय प्रशासन और यात्रियों के परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
मृतकों की पहचान और रेस्क्यू प्रयास
बरामद शवों की पहचान कमलेश जेठवा (35), मुंबई निवासी, और भाविका शर्मा (11), कृष्णा विहार, नई दिल्ली के रूप में हुई है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सीएचसी नौगांव भेजा गया है। चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने बताया कि घटनास्थल से एक शव के साथ-साथ एक मानव अंग भी बरामद हुआ, जिसके आधार पर शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू की गई है।
परिजनों को सूचित कर मौके पर बुलाया गया है। हादसे के बाद से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं, जो अब भी जारी है।
प्रकृति की चुनौतियों के बीच तीर्थयात्रा
यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाएं तीर्थयात्रियों और स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं। नौकैंची के पास का इलाका भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है, और बारिश के मौसम में खतरा और बढ़ जाता है। प्रशासन ने यात्रियों से सावधानी बरतने और मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है। इस हादसे ने एक बार फिर सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए बेहतर इंतजामों की जरूरत को रेखांकित किया है।