Dehradun News : देहरादून में खाद्य सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (Food Safety and Drug Administration – FDA) ने 500 किलोग्राम मिलावटी पनीर (adulterated paneer) जब्त किया है।
यह पनीर न केवल खाद्य सुरक्षा मानकों (Food Safety Standards) के खिलाफ था, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता था। बुधवार, 28 मई 2025 को भंडारी बाग (Bhandari Bagh) क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उत्तराखंड (Uttarakhand) में खाद्य मिलावट के खिलाफ प्रशासन की नजरें तेज हैं। आइए जानते हैं इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और यह आम लोगों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
संयुक्त अभियान ने खोली मिलावट की पोल
देहरादून (Dehradun) के भंडारी बाग (Bhandari Bagh) में FDA की टीम, जिसमें जिला अधिकारी मनीष सयाना (Manish Sayana) और रमेश सिंह (Ramesh Singh) शामिल थे, ने स्थानीय पुलिस चौकी निरंजनपुर मंडी (Niranjanpur Mandi) के इंचार्ज प्रमोद भंडारी (Pramod Bhandari) के साथ मिलकर एक संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया।
इस दौरान उनकी नजर एक सफेद हुंडई इयोन कार (Hyundai Eon) पर पड़ी, जिसमें कुछ संदिग्ध गतिविधियां नजर आईं। शक होने पर टीम ने कार को रोककर तलाशी ली, जिसमें कार की डिग्गी और सीटों से लगभग 500 किलोग्राम पनीर (paneer) बरामद हुआ। यह पनीर अस्वच्छ प्लास्टिक की बोरियों में भरा था और बिना किसी कोल्ड स्टोरेज (cold storage) व्यवस्था के परिवहन किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में यह पनीर मानव उपयोग के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त पाया गया।
दस्तावेजों की कमी ने बढ़ाया शक
कार में मौजूद व्यक्ति मोहम्मद इरशाद (Mohammad Irshad) से जब पनीर के स्रोत और वैधता के दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई भी प्रमाण पत्र या जानकारी उपलब्ध नहीं करा सका। न तो पनीर के निर्माण स्थल (manufacturing site) का कोई रिकॉर्ड था, न ही ब्रांडिंग (branding) या रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई विवरण।
FDA अधिकारियों ने बताया कि पनीर जैसे दुग्ध उत्पादों (dairy products) को 2°C से 8°C के तापमान पर संग्रहित और परिवहन करना अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन न केवल उत्पाद को खराब करता है, बल्कि इसमें हानिकारक बैक्टीरिया (harmful bacteria) पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जो फूड पॉयजनिंग (food poisoning), डायरिया (diarrhea), टायफॉइड (typhoid), और हड्डियों की कमजोरी जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
सख्त कार्रवाई और भविष्य की चेतावनी
जब्त किए गए पनीर के सैंपल को तुरंत राज्य खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला (State Food Analysis Laboratory) भेजा गया, जबकि बाकी 500 किलोग्राम पनीर को कारगी चौक (Kargi Chowk) के ट्रेचिंग ग्राउंड में नष्ट कर दिया गया। FDA आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार (Dr. R Rajesh Kumar) ने इस कार्रवाई को खाद्य सुरक्षा (Food Safety) के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति (zero tolerance policy) का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में जब खाद्य पदार्थ जल्दी खराब होते हैं, तब मिलावटखोरी (adulteration) और लापरवाही से स्वास्थ्य जोखिम और बढ़ जाता है। उत्तराखंड (Uttarakhand) में नियमित अभियान चलाकर ऐसी गतिविधियों पर नकेल कसी जा रही है। दोषियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 (Food Safety and Standards Act 2006) के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।