देहरादून : लच्छीवाला टोल प्लाजा पर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को चिंता में डाल रखा था। इन हादसों को रोकने के लिए अब एक ठोस कदम उठाया गया है। हाल ही में पुलिस, परिवहन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के अधिकारियों ने मिलकर इस इलाके का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान हादसों के कारणों की गहराई से पड़ताल की गई और तुरंत लागू किए जा सकने वाले उपायों पर चर्चा हुई। यह कदम न सिर्फ सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों के लिए राहत की सांस भी लेकर आएगा।
हादसों की जड़ पर नजर
लच्छीवाला टोल प्लाजा पर होने वाली दुर्घटनाएं अक्सर तेज रफ्तार और अस्पष्ट सड़क संकेतों की वजह से होती हैं। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि टोल प्लाजा के आसपास की व्यवस्था में कई खामियां हैं। रोड साइन मिट चुके हैं, डिवाइडर लेन छोटी हैं और गति नियंत्रण के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं है। इन सबको देखते हुए अधिकारियों ने कुछ त्वरित और प्रभावी सुझाव दिए, जिन्हें जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी है।
सड़क सुरक्षा के लिए बड़े बदलाव
निरीक्षण के बाद कई जरूरी बदलावों को हरी झंडी दिखाई गई। सबसे पहले, टोल प्लाजा के दोनों ओर रंबल स्ट्रिप्स और स्पीड ब्रेकरों की संख्या बढ़ाने का फैसला हुआ। ये गाड़ियों की रफ्तार को काबू में रखेंगे। इसके अलावा, लेन को अलग करने वाले डिवाइडरों की लंबाई को 30 मीटर तक बढ़ाया जाएगा, ताकि वाहन चालकों को सही दिशा में चलने में आसानी हो।
सड़क पर मिट चुके संकेतों को पीले रंग से दोबारा चिह्नित करने और उन पर कैट आई लगाने का भी निर्देश दिया गया। इससे रात के वक्त भी लेन की जानकारी साफ दिखेगी। साथ ही, ओवरस्पीडिंग पर नकेल कसने के लिए स्पीड कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है।
लोगों की सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी
इस संयुक्त निरीक्षण में पुलिस अधीक्षक (यातायात), देहरादून और ऋषिकेश के ARTO, एनएच के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। यह कदम दिखाता है कि प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। ये बदलाव न सिर्फ हादसों को कम करेंगे, बल्कि टोल प्लाजा से गुजरने वाले हर वाहन चालक के लिए सफर को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर ये उपाय सही तरीके से लागू हुए, तो उनकी रोजमर्रा की परेशानियां काफी हद तक कम हो जाएंगी।
लच्छीवाला टोल प्लाजा पर ये सुधार न सिर्फ एक शुरुआत हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति एक बड़ा संदेश भी देती हैं। आने वाले दिनों में इन बदलावों का असर साफ दिखेगा। यह पहल न केवल तकनीकी सुधार की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी बताती है कि लोगों की जान की कीमत हर चीज से ऊपर है। अब देखना यह है कि ये योजनाएं कितनी जल्दी धरातल पर उतरती हैं और कितना असर दिखाती हैं।