14 Jul 2025, Mon

हरिद्वार में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा शहर!

Haridwar : आज से श्रावण मास की बहुप्रतीक्षित कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, जो शिवभक्तों के लिए आस्था और उत्साह का अनूठा संगम है। हर की पैड़ी से पवित्र गंगाजल लेकर लाखों कांवड़िए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश के शिव मंदिरों की ओर कूच करेंगे।

यह यात्रा श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से चतुर्दशी तक चलेगी, जिसमें भक्त अपने आराध्य भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम और भक्ति के साथ लंबी दूरी तय करते हैं। हरिद्वार की सड़कों पर ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया है।

श्रावण मास का विशेष महत्व

श्रावण मास में शिवभक्तों के लिए तीन प्रमुख तीर्थयात्राओं का आयोजन होता है। पहली है कांवड़ यात्रा, जो हरिद्वार से शुरू होकर देश के विभिन्न शिवालयों तक जाती है। दूसरी है बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा, और तीसरी है कैलाश मानसरोवर की आध्यात्मिक यात्रा।

इन यात्राओं में भक्तों को शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है, लेकिन जलाभिषेक के बाद मिलने वाला आत्मिक सुख और शांति इस थकान को भुला देता है। हरिद्वार का विशेष महत्व इसलिए है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने कनखल के राजा दक्ष को दिए वचन को पूरा करने के लिए इस पवित्र भूमि पर आगमन किया था। 

कांवड़ यात्रा की परंपरा और तिथियां

कांवड़ यात्रा साल में दो बार आयोजित होती है। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि के लिए और श्रावण मास में शिव चौदशी के लिए भक्त गंगाजल लेकर शिव मंदिरों की ओर बढ़ते हैं। इस बार 23 जुलाई को शिव चौदशी पर जल चढ़ाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी की तिथियां एक साथ पड़ रही हैं, जिसके कारण त्रयोदशी का क्षय हो जाएगा।

इस दौरान धर्मनगरी हरिद्वार में भक्तों का उत्साह चरम पर होगा, और हर तरफ शिवभक्ति की गूंज सुनाई देगी। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *