देहरादून : आज उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (युवा मोर्चा) के प्रदेश अध्यक्ष सचिन थपलियाल ने एक प्रेस रिलीज के जरिए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार उत्तराखंड पर तानाशाही थोप रही है और राज्य के हितों को नजरअंदाज कर मनमानी कर रही है। सचिन ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश रची है।
जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का कर संग्रह का अधिकार छीन लिया गया, जिससे उत्तराखंड को भारी नुकसान हुआ। यह वित्तीय निर्भरता राज्य के विकास को रोक रही है और संसाधन आवंटन में भी पक्षपात देखने को मिल रहा है।
सचिन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों का जमकर शोषण कर रही है। पहाड़ों में ब्लास्टिंग, जंगलों की कटाई और नदियों का दोहन बड़े पैमाने पर हो रहा है। टनल्स और बड़े बांधों का निर्माण प्रकृति के साथ खिलवाड़ है, जो भविष्य में विनाश का कारण बन सकता है।
इससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान का खतरा है। आम आदमी पार्टी ने इस समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड में “सेफ गार्ड” कानून की मांग की है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हो सके और राज्य के हितों को प्राथमिकता मिले।
उत्तराखंड को “ऊर्जा प्रदेश” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह जलविद्युत उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन सचिन ने बताया कि टिहरी बांध जैसी बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं केंद्र सरकार के कब्जे में हैं। लोग शिकायत करते हैं कि इन परियोजनाओं से पैदा होने वाली बिजली का ज्यादातर हिस्सा दूसरे राज्यों को भेज दिया जाता है, जबकि उत्तराखंड को उसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
आम आदमी पार्टी ने इस अन्याय को खत्म करने के लिए राज्य में हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग उठाई है, ताकि स्थानीय लोगों को उनकी मेहनत का हक मिल सके।
सचिन ने केंद्र सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीते दिनों में केंद्र ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का दुरुपयोग कर कई बार राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किया है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने 2016 का जिक्र किया, जब केंद्र ने हरीश रावत सरकार को हटाने की कोशिश की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। आम आदमी पार्टी इसे केंद्र की मनमानी और लोकतंत्र विरोधी नीति का सबूत मानती है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने का भी आरोप लगा। हाल ही में समान नागरिक संहिता (UCC) को राज्य में लागू करने का फैसला केंद्र के समर्थन से लिया गया, लेकिन स्थानीय लोग इसे “काला कानून” मानकर इसका विरोध कर रहे हैं।
सचिन का कहना है कि यह फैसला उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं पर हमला है। आम आदमी पार्टी केंद्र की इस तानाशाही को खारिज करती है और उत्तराखंड को उसके मूल स्वरूप में स्वराज देने की बात करती है। उनका मानना है कि राज्य के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए केंद्र की मनमानी को रोकना जरूरी है।’