RBI Repo Rate : आम आदमी को एक और बड़ा झटका, लोन ईएमआई में कोई राहत नहीं

RBI Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम आदमी को एक और बड़ा झटका दिया है। लगातार दूसरी बार अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक में पॉलिसी रेट (repo rate) में कोई कटौती न करने का फैसला लिया गया है। RBI के 6 में से 5 मेंबर्स ने repo rate में कोई बदलाव न करने के पक्ष में वोट किया।

अभी repo rate 5.50 फीसदी पर ही टिका हुआ है। इससे पहले अगस्त में भी RBI ने repo rate में कोई हेरफेर नहीं किया था। कई अर्थशास्त्रियों को लग रहा था कि RBI सबको चौंका देगा और repo rate में 0.25 फीसदी की कटौती कर देगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

RBI के सामने महंगाई (inflation) और टैरिफ की वजह से ग्रोथ में संभावित गिरावट जैसे कई फैक्टर थे, जो repo rate में कटौती के पक्ष में जाते थे। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि repo rate न काटना एक स्मार्ट स्ट्रैटजी है। दरअसल, इस वित्त वर्ष में repo rate कट से ग्रोथ प्रोजेक्शन (growth projection) में कोई खास फायदा नहीं दिख रहा।

RBI गवर्नर की स्पीच से क्लू मिला है कि दिसंबर में पॉलिसी रिव्यू के दौरान repo rate कट हो सकता है। वैसे, इस साल MPC ने पहले ही repo rate में कुल 1 फीसदी की कटौती कर दी है। फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हुई थी, जबकि जून में 50 बेसिस पॉइंट्स का बड़ा कदम उठाया गया था।

महंगाई के अनुमान में बड़ी राहत, लेकिन सतर्कता बरतें

अब बात करें इन्फ्लेशन फोरकास्ट (inflation forecast) की, तो RBI की MPC ने यहां अच्छी खबर दी है। RBI गवर्नर ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए inflation forecast में 0.50 फीसदी की कटौती की गई है, जिससे ये अब 2.6 फीसदी रह गया है। अगस्त की मीटिंग में ये अनुमान 3.1 फीसदी था, जो पहले 3.7 फीसदी का था। मतलब, RBI लगातार inflation forecast को नीचे ला रहा है।

तिमाहीवार देखें तो दूसरी तिमाही के लिए CPI बेस्ड inflation forecast 1.8 फीसदी का अनुमान है, जो पहले 2.1 फीसदी था। तीसरी तिमाही में भी 1.8 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो 3.1 फीसदी से काफी कम है। चौथी तिमाही के लिए inflation forecast 4 फीसदी का है, जबकि वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकता है। ये आंकड़े इकोनॉमी के घरेलू और ग्लोबल बदलावों के साथ धीरे-धीरे बढ़ते inflation forecast को दिखाते हैं। कोर inflation की बात करें तो 4.2 फीसदी रही, जो बताता है कि अंदरूनी प्रेशर कंट्रोल में हैं।

ग्रोथ प्रोजेक्शन में अपसाइड सरप्राइज, इकोनॉमी को बल मिला

दूसरी तरफ, ग्रोथ प्रोजेक्शन (growth projection) को लेकर RBI काफी पॉजिटिव नजर आया। MPC ने growth projection में 30 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा किया है। आंकड़ों के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में भारत की growth projection 6.8 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो पहले 6.5 फीसदी का अनुमान था। कई अर्थशास्त्रियों को लग रहा था कि RBI growth projection में कोई चेंज नहीं करेगा, खासकर ट्रंप टैरिफ के पोटेंशियल इम्पैक्ट को देखते हुए।

लेकिन तिमाहीवार ब्रेकडाउन देखें तो दूसरी तिमाही में growth projection को 7 फीसदी कर दिया गया है, जो पहले 6.7 फीसदी था। तीसरी तिमाही का अनुमान 6.6 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी किया गया। चौथी तिमाही में 6.3 फीसदी से 6.2 फीसदी पर सेटल किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही के लिए 6.6 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया। कुल मिलाकर, ये growth projection RBI की स्ट्रॉन्ग इकोनॉमी पर भरोसे को रिफ्लेक्ट करता है।