RBI Monetary Policy : आरबीआई के 22 ऐलानों ने शेयर बाजार में मचाई हलचल, निवेशकों को 4 लाख करोड़ का फायदा

RBI Monetary Policy : आरबीआई ने भले ही आम लोगों की EMI में कोई कटौती ना की हो, लेकिन बैंक, बिजनेस और कंज्यूमर्स के लिए 22 ऐसे ऐलान किए हैं, जिससे इन तीनों को ही फायदा तो होगा ही, साथ ही देश की इकोनॉमी को भी बड़ा बूस्ट होगा। इन 22 ऐलानों का शेयर बाजार ने जमकर स्वागत किया है और शेयर बाजार में भरपूर तेजी देखने को मिल रही है।

बैंकिंग और NBFC स्टॉक्स में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर बैंक निफ्टी 55,500 के लेवल को भी पार कर गया है। जहां सेंसेक्स में 800 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी ने भी लगातार 8 दिनों के सूखे को समाप्त किया और 260 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिली है।

आंकड़ों के अनुसार इस तेजी की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।

शेयर बाजार में बंपर तेजी

8 दिनों की लगातार गिरावट के बाद अक्टूबर महीने में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 800 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 81,068.43 अंकों पर दिखाई दिया। जबकि सेंसेक्स आज सुबह तेजी के साथ ही ओपन हुआ था, लेकिन जैसे ही RBI ने पॉलिसी रेट का ऐलान किया और ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, वैसे शेयर बाजार में गिरावट आई और 80,173.24 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर आ गया।

वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी (Nifty) में भी अच्छी तेजी देखने को मिली और 250 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 24,867.95 अंकों के हाई पर पहुंच गया। वैसे निफ्टी 24,605.95 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी गया था। RBI Monetary Policy के इन फैसलों ने बाजार को नई ऊंचाई दी है, जहां सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कमजोर शुरुआत के बाद शानदार रिकवरी दिखाई।

बैंकिंग शेयरों में तेजी

RBI की ओर से बैंकिंग को लेकर कई ऐलान किए हैं, जिससे बैंकिंग सेक्टर और इकोनॉमी को लॉन्ग टर्म में कई फायदे हो सकते हैं। जिसकी वजह से बैंकिंग शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। आंकड़ों को देखें तो कोटक बैंक के शेयरों में करीब 3 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। एक्सिस बैंक के स्टॉक शेयर बाजार बंद होने से पहले 2.25 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार करते हुए दिखाई दिए।

ICICI बैंक और HDFC बैंक के शेयर भी 1.50 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। वहीं टाटा मोटर्स के शेयर में भी 5.50 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। RBI Monetary Policy के तहत लोन फ्लो में सुधार के लिए शेयरों पर लोन लेने की सीमा को बढ़ाने जैसे कदमों ने बैंकिंग स्टॉक्स को मजबूती दी है, जिससे निफ्टी बैंक इंडेक्स में 1% से ज्यादा की बढ़त हुई।

शेयर बाजार में तेजी के प्रमुख कारण

RBI पॉलिसी: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में निवेशकों ने बाजार-समर्थक पहलों का स्वागत किया, जबकि केंद्रीय बैंक ने सर्वसम्मति से रेपो दरों को 5.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अगस्त की नीति के बाद से ग्रोथ और महंगाई की गतिशीलता बदल गई है, और GST को युक्तिसंगत बनाने से कीमतों पर दबाव कम होने की उम्मीद है।

खाद्य कीमतों में भारी गिरावट से ओवरऑल महंगाई का अनुमान अधिक अनुकूल हो गया है। जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने औसत महंगाई अनुमान को पहले के 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है, साथ ही चौथी तिमाही के अनुमान में भी कटौती की है।

बैंक शेयरों में बढ़त: HDFC बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक और एक्सिस बैंक ने इस उछाल का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक इंडेक्स को 1% से अधिक की बढ़त दिलाने में मदद की। लोन फ्लो में सुधार के लिए, RBI ने शेयरों पर लोन लेने की सीमा मौजूदा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी। इसने IPO फाइनेंसिंग लिमिट को भी बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। इसे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़े इंसेंटिव के तौर पर देखा जा रहा है। RBI Monetary Policy के ये बदलाव लंबे समय में इकोनॉमी को मजबूत बनाएंगे।

ओवरसोल्ड कंडीशंस: आज की तेजी से पहले बाजार लगातार 8 दिनों तक गिरे रहे। निश्चित रूप से, इस दौरान निफ्टी 3 फीसदी या लगभग 800 अंक से अधिक टूटा। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स भी 2,300 अंक या 3.8 फीसदी से अधिक टूटा। गिरावट पर खरीदारी की रणनीति और उसके बाद RBI की मजबूत टिप्पणियों से बाजार में तेजी देखने को मिली।

रुपये में सुधार: स्थिर शुरुआत के बाद, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे बढ़कर 88.75 पर पहुंच गया, जिससे घरेलू शेयर बाजारों में तेजी को बल मिला। बुधवार को अमेरिकी सरकार के संभावित बंद की ओर बढ़ने के कारण डॉलर प्रमुख समकक्ष मुद्राओं के मुकाबले एक सप्ताह के निचले स्तर के आसपास रहा, जिससे महत्वपूर्ण रोजगार आंकड़ों के जारी होने में देरी होगी।

कच्चे तेल कीमतों का असर: इस बीच, OPEC+ द्वारा उत्पादन में वृद्धि और इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र से निर्यात फिर से शुरू होने की उम्मीदों के कारण तेल की कीमतों पर दबाव बना रहा। ब्रेंट क्रूड 1.3 फीसदी गिरकर 67.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 1.5 फीसदी गिरकर 62.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

विदेशी बाजारों से मिले पॉजिटिव संकेत: अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए क्योंकि निवेशकों ने अमेरिकी सरकार के संभावित बंद होने की चिंताओं को दरकिनार कर दिया। वॉल स्ट्रीट ने सितंबर के असामान्य रूप से मजबूत प्रदर्शन का अंत किया। S&P 500 0.41 फीसदी बढ़कर 6,688.46 पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.31 फीसदी बढ़कर 22,660.01 पर पहुंच गया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 81.82 अंक या 0.18 फीसदी बढ़कर 46,397.89 पर बंद हुआ, जो एक नया रिकॉर्ड है। सेंसेक्स और निफ्टी को ये ग्लोबल सिग्नल्स ने अतिरिक्त सपोर्ट दिया।

निवेशकों को 4 लाख करोड़ रुपए का फायदा

वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में तेजी की वजह से निवेशकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। ये फायदा BSE के मार्केट कैप से जुड़ा हुआ है। आंकड़ों को देखें तो मंगलवार को BSE का मार्केट कैप 4,51,44,414.11 करोड़ रुपए पर देखने को मिला था। जबकि बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान BSE का मार्केट कैप 4,55,41,976.54 करोड़ रुपए पर आ गया।

इसका मतलब है कि BSE का मार्केट कैप 3,97,562.43 करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ गया है। RBI Monetary Policy के असर से ये तेजी निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जहां सेंसेक्स और निफ्टी की रैली ने पूरे बाजार को चमका दिया।