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हरिद्वार में पटाखा फैक्ट्री का पर्दाफाश! पुलिस ने बरामद की भारी मात्रा में पटाखा बनाने की सामग्री

By: Sansar Live Team

On: Monday, April 14, 2025 4:03 PM

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Haridwar News : हरिद्वार के धनपुरा गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक शटरिंग गोदाम में जोरदार धमाका हुआ। इस हादसे ने न केवल दो लोगों को घायल कर दिया, बल्कि एक बड़े अवैध कारोबार का पर्दाफाश भी कर दिया। आग की लपटों और धमाके की गूंज के बीच ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और स्थिति को संभाला। आइए, इस घटना के पीछे की सच्चाई को करीब से समझते हैं।

धमाके ने मचाई अफरा-तफरी

सोमवार की सुबह धनपुरा गांव में उस समय सनसनी फैल गई, जब शटरिंग गोदाम से तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। गोदाम के मालिक मुर्तजा ने पास की कबाड़ की दुकान चलाने वाले दिलशाद को थिनर के खाली ड्रम खरीदने के लिए बुलाया था। बताया जाता है कि एक ड्रम खोलने में दिक्कत होने पर दिलशाद ने हथौड़े का इस्तेमाल किया। जैसे ही हथौड़ा ड्रम पर पड़ा, जोरदार धमाका हुआ।

इस हादसे में मुर्तजा और दिलशाद दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके की चिंगारी पास में पड़े उपलों पर गिरी, जिससे आग भड़क उठी। आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी अस्पताल ले गए। ग्रामीणों की सूझबूझ से आग पर भी काबू पा लिया गया।

पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा

घटना की सूचना मिलते ही पथरी थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल और फेरूपुर चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। शुरुआत में गोदाम मालिक ने इसे थिनर ड्रम में धमाके का हादसा बताया, लेकिन ग्रामीणों की जानकारी ने पुलिस को सतर्क कर दिया। जांच में गोदाम के एक कमरे से भारी मात्रा में पटाखा बनाने की सामग्री बरामद हुई।

फॉरेंसिक और बीडीएस टीम ने मौके का जायजा लिया और करीब 40 कट्टों में पटाखा सामग्री जब्त की। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल और सीओ लक्सर नताशा सिंह ने भी घटनास्थल का दौरा किया। जांच में साफ हुआ कि गोदाम में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे। पुलिस ने सामग्री को जब्त कर सैंपल जांच के लिए भेज दिया है और गोदाम मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

अवैध कारोबार की सच्चाई

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गोदाम मालिक का ऐथल में एक रिश्तेदार की पटाखा फैक्ट्री से संबंध था। उसी की आड़ में सामग्री मंगवाकर गोदाम में अवैध पटाखा निर्माण हो रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले भी इस गोदाम में धमाका हुआ था, लेकिन तब मालिक ने मामले को दबा दिया था। इस बार इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलने से साफ है कि अगर धमाका गोदाम के अंदर हुआ होता, तो आसपास के इलाके में बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सतर्कता ने एक बड़े खतरे को टाल दिया।

ग्रामीणों की हिम्मत और सवाल

इस हादसे में ग्रामीणों की तत्परता काबिल-ए-तारीफ रही। उन्होंने न केवल घायलों को अस्पताल पहुंचाया, बल्कि आग पर भी काबू पाया। लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े करती है। आखिर इतने बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार कैसे चल रहा था? क्या स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक नहीं थी? एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि दोनों घायलों की हालत स्थिर है और मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
 

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