देहरादून : क्लेमेंटाउन इलाके में हाल ही में हुई दो अलग-अलग चोरी की घटनाओं ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी थी। लेकिन दून पुलिस ने अपनी मुस्तैदी और अनुभवी जांच से इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने एक अंतरराज्यीय चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। इनके पास से चोरी की गई लाखों रुपये की ज्वैलरी, नकदी और चुराए गए पैसों से खरीदी गई एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सजगता को दर्शाती है, बल्कि आम लोगों के बीच भरोसा भी जगाती है।
चोरी का अनोखा तरीका और पुलिस की सख्ती
पुलिस जांच में पता चला कि गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त शाकिब दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। वह इस बहाने पॉश कॉलोनियों में बंद घरों की रेकी करता था। अपने साथियों नाजरीन और इशरत के साथ मिलकर वह सुनियोजित ढंग से चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। यह गिरोह पहले घरों को चिह्नित करता, फिर मौका पाते ही चोरी कर फरार हो जाता। पूछताछ में शाकिब ने बताया कि उसने 2024 में भी टर्नर रोड पर एक बंद घर में चोरी की थी। इस गैंग का नेटवर्क देहरादून के अलावा सहारनपुर जैसे अन्य शहरों तक फैला हुआ है। पुलिस अब इनके आपराधिक इतिहास की गहराई से जांच कर रही है और बाकी संदिग्धों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
यह सब तब शुरू हुआ जब 10 मार्च 2025 को कंचन थापा नाम की महिला ने क्लेमेंटाउन थाने में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि वह 7 मार्च को वृंदावन दर्शन के लिए गई थीं और 10 मार्च को लौटने पर उनके घर का दरवाजा खुला मिला। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था और ज्वैलरी व नकदी गायब थी। उनकी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू हुई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून के निर्देश पर चार टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने 95 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले, स्थानीय लोगों से पूछताछ की और मुखबिरों की मदद ली। आखिरकार, 18 मार्च 2025 को पटेलनगर इलाके से तीनों अभियुक्तों को धर दबोचा गया।
बरामद सामान और अभियुक्तों की जानकारी
पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर चोरी का सारा सामान बरामद कर लिया। इसमें 5 लाख 20 हजार रुपये की ज्वैलरी, 9 हजार रुपये नकद और एक मोटरसाइकिल शामिल है। इसके अलावा पिछले साल की एक अन्य चोरी से जुड़ी पाजेब भी मिली। गिरफ्तार अभियुक्तों में शाकिब (23 साल) हरिद्वार का रहने वाला है, जबकि नाजरीन (35 साल) और इशरत (32 साल) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की हैं। ये तीनों हाल ही में देहरादून के कैलाशपुर रोड पर रह रहे थे। शाकिब का पहले भी चोरी का रिकॉर्ड रहा है और वह जेल जा चुका है।
पुलिस की मेहनत और जनता का भरोसा
इस सफलता के पीछे क्लेमेंटाउन थाने की टीम की मेहनत है, जिसमें थानाध्यक्ष संदीप कुमार और उनकी टीम शामिल थी। यह कार्रवाई दून पुलिस की विशेषज्ञता और अपराधियों पर नकेल कसने की प्रतिबद्धता का सबूत है। जनता के लिए यह राहत की खबर है कि पुलिस ने न सिर्फ चोरों को पकड़ा, बल्कि चोरी का माल भी बरामद कर लिया। अब लोग अपने घरों को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं, लेकिन सतर्कता बरतना भी जरूरी है।