PG और कॉलेज संचालकों को मिला खास निर्देश, कश्मीरी छात्रों के लिए लागू हुआ नया नियम
Dehradun News : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस घटना के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहने और पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने त्वरित और संवेदनशील कदम उठाए हैं। देहरादून, जो अपनी शांत वादियों और उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों के लिए जाना जाता है, यहाँ पढ़ने वाले 1201 कश्मीरी छात्र-छात्राओं के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस ने बखूबी निभाई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने सभी थाना प्रभारियों और क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कश्मीरी छात्रों के साथ नियमित संपर्क में रहें और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। पुलिस ने इन छात्रों का विवरण एकत्र कर सत्यापन प्रक्रिया पूरी की है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके। यह कदम न केवल प्रशासन की सजगता को दर्शाता है, बल्कि कश्मीरी युवाओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी उजागर करता है।
शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी
24 अप्रैल 2025 को देहरादून के बिधोली चौकी में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में उन सभी शैक्षणिक संस्थानों और पीजी संचालकों को शामिल किया गया, जहाँ कश्मीरी छात्र-छात्राएँ पढ़ाई या रहने के लिए आए हैं। इस दौरान एसएसपी ने सभी संस्थानों से अपने यहाँ रहने वाले छात्रों की जानकारी साझा करने और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा।
गोष्ठी में यह भी निर्देश दिए गए कि यदि किसी भी तरह की सुरक्षा संबंधी चिंता सामने आए, तो उसे तुरंत पुलिस के साथ साझा किया जाए। इसके अलावा, संस्थानों को सलाह दी गई कि वे छात्रों के साथ विश्वास का रिश्ता बनाएँ और उन्हें उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त करें। यह पहल न केवल कश्मीरी छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत करने में मदद करेगी, बल्कि एक समावेशी और सुरक्षित माहौल को भी बढ़ावा देगी।
अतिरिक्त सुरक्षा उपाय
देहरादून पुलिस ने कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। उन स्थानों पर, जहाँ कश्मीरी छात्र पढ़ाई या रह रहे हैं, अतिरिक्त पीएसी बल तैनात किए गए हैं। ये बल नियमित रूप से इन क्षेत्रों का भ्रमण करते हैं, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। यह न केवल छात्रों को सुरक्षित महसूस कराता है, बल्कि उनके अभिभावकों को भी यह विश्वास दिलाता है कि उनके बच्चे सुरक्षित हाथों में हैं।
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन यह अफवाहें और नफरत फैलाने का जरिया भी बन सकता है। देहरादून पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने इस दिशा में भी सक्रियता दिखाई है। पहलगाम की घटना के बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अब तक 25 ऐसी पोस्ट को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से हटवाया गया है। इसके अलावा, एक संगठन के खिलाफ हेट स्पीच और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसने धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की थी।
एकजुटता और विश्वास की मिसाल
देहरादून पुलिस का यह प्रयास न केवल कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता को भी मजबूत करता है। कश्मीरी युवा, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए देहरादून जैसे शहरों में आते हैं, उन्हें यहाँ एक सुरक्षित और स्वागत करने वाला माहौल मिलना चाहिए। पुलिस और शैक्षणिक संस्थानों की यह साझेदारी न केवल सुरक्षा की गारंटी देती है, बल्कि एक समावेशी समाज की नींव भी रखती है।