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भू-धंसाव से तकलीफ में थे लोग, अब केंद्र की 291 करोड़ की सौगात से मिलेगी राहत

By: Sansar Live Team

On: Sunday, May 4, 2025 9:15 AM

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Uttarakhand News : ज्योतिर्मठ, उत्तराखंड का वह पवित्र स्थल, जो भगवान बदरीविशाल के दर्शन के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करता है, अब और सुरक्षित होने जा रहा है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को एक बड़ी सौगात दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर ज्योतिर्मठ को आपदा से बचाने के लिए 291.15 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस कदम से न केवल स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए भी एक सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव बनेगा। मुख्यमंत्री धामी ने इस सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दिल से आभार जताया है। 

ज्योतिर्मठ का इतिहास और इसकी आध्यात्मिक महत्ता इसे उत्तराखंड का एक अनमोल रत्न बनाती है। लेकिन हाल के वर्षों में भू-धंसाव ने इस क्षेत्र को गंभीर चुनौतियों से जूझने के लिए मजबूर किया है। साल 2023 की शुरुआत में, 2 जनवरी को ज्योतिर्मठ के कई घरों और इमारतों में बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई दीं। यहाँ तक कि क्षेत्र की 22 प्रतिशत संरचनाएँ इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गईं।

इस संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा किया और विशेषज्ञों की एक 35 सदस्यीय टीम गठित की। इस टीम में एनडीएमए, आईआईटी रुड़की, यूएनडीपी, और वाडिया इंस्टीट्यूट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे। अप्रैल 2023 में इस टीम ने नुकसान का आकलन किया और पुनर्निर्माण के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की। 

इस योजना का लक्ष्य ज्योतिर्मठ को न केवल आपदा से सुरक्षित करना है, बल्कि इसे एक सुनियोजित और आधुनिक शहर के रूप में विकसित करना भी है। स्वीकृत धनराशि से सबसे पहले अस्थिर क्षेत्रों को स्थिर करने का काम होगा। इसके साथ ही शहर की जलनिकासी और सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा, ताकि भविष्य में भू-धंसाव जैसी समस्याओं से बचा जा सके।

अलकनंदा नदी के किनारे ढलान स्थिरीकरण और स्वच्छता से जुड़े कार्य भी प्राथमिकता पर हैं। इन परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तैयार की है, जिसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंजूरी दी। इन कदमों से न केवल स्थानीय लोगों को सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए भी बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। 

मुख्यमंत्री धामी ने ज्योतिर्मठ की जनता को भरोसा दिलाया है कि यह परियोजना उनके सपनों को साकार करेगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य ज्योतिर्मठ को एक सुरक्षित, सुंदर और विकसित शहर बनाना है। यहाँ की पवित्र भूमि और यहाँ के लोगों का सम्मान हमारी प्राथमिकता है।” इस परियोजना से नरसिंह मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

साथ ही, बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित विश्राम स्थल और बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। यह कदम ज्योतिर्मठ को एक आधुनिक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

ज्योतिर्मठ की यह पहल न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। यह दिखाता है कि कैसे सरकार और स्थानीय समुदाय मिलकर प्राकृतिक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। यह परियोजना न सिर्फ़ आपदा प्रबंधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ज्योतिर्मठ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने का भी एक प्रयास है। आने वाले समय में यह पवित्र शहर न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि और भी अधिक आकर्षक और सुविधाजनक बनेगा, जो हर श्रद्धालु के दिल को छू लेगा। 

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