महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल, उत्तराखंड की सड़कों पर दौड़ेंगी महिला ड्राइवर

देहरादून : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उत्तराखंड सरकार ने अपने खास पायलट प्रोजेक्ट “सारथी” की शुरुआत की है। इसके तहत देहरादून की सड़कों पर 14 महिला ड्राइवरों को उतारा जाएगा, जो एक हफ्ते तक शहर की महिलाओं को मुफ्त सवारी की सुविधा देंगी।

अभी इन महिला ड्राइवरों को परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस और रोजगार का मौका मिलेगा। इस पहल से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

इस योजना की शुरुआत दो ई-टैक्सी, दो ई-ऑटो रिक्शा और 10 ई-स्कूटी के साथ होगी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या इस प्रोजेक्ट की पहली सवारी बनेंगी। योजना को सुचारू रूप से चलाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग और पुलिस की टीम मिलकर काम करेगी। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को भी मजबूत करेगा।

आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को प्राथमिकता

मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट छह महीने तक देहरादून में चलेगा, जिसके बाद इसे राज्य के अन्य शहरों में लागू किया जाएगा। इस योजना में उन महिलाओं को खास तवज्जो दी जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, विधवा हैं या जिन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया है। योजना की शुरुआत यमुना कॉलोनी के कैम्प कार्यालय से होगी। इस मौके पर मंत्री खुद महिला सारथी के साथ सर्वे चौक से आईआरडीटी तक जाएंगी, जहां सभागार में सभी वाहनों का प्रदर्शन होगा।

मोबाइल एप और जीपीएस से होगी निगरानी

इस प्रोजेक्ट के लिए वाहनों का इंतजाम एक संस्था के सीएसआर फंड से किया गया है। इन वाहनों को चलाने के लिए एक खास मोबाइल एप तैयार किया गया है, जो उसी तरह काम करेगा जैसे ओला-उबर जैसी कंपनियों के एप। मंत्री ने बताया कि महिला ड्राइवरों की सुरक्षा के लिए वाहनों में कई आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इनमें जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी शामिल है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। यह कदम न केवल महिलाओं को रोजगार देगा, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी प्राथमिकता देगा।

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