NPS में बड़ा बदलाव! अक्टूबर से निवेशकों को मिलेगा पूरा लाभ
NPS : नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System – NPS) में 1 अक्टूबर से कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव सीधे तौर पर लाभार्थियों के पैसों को प्रभावित करेंगे। इनका मकसद है कि ये स्कीम (National Pension System) और आसान हो जाए। निकासी से लेकर निवेश तक, हर चीज में बदलाव किया गया है। आइए, इन बदलावों को एक-एक करके समझते हैं।
NPS के नए नियम: क्या-क्या बदलेगा?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में एक नया बदलाव निवेशकों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। खासकर उन लोगों के लिए जो शेयर बाजार में निवेश करते हैं। अब निवेशक अपनी पूरी NPS राशि को शेयर बाजार में लगा सकते हैं। यानी 100% फंड्स स्टॉक मार्केट में डालने की छूट मिलेगी। लेकिन, ध्यान रहे, इससे रिटर्न का जोखिम भी बढ़ सकता है।
यह निवेशक पर निर्भर है कि वे अपनी पूरी राशि शेयर बाजार में लगाना चाहते हैं या नहीं। NPS (National Pension System) में शेयर बाजार में निवेश करना जरूरी नहीं है।
इसके अलावा, निवेशकों को अब MSF (Multiple Scheme Framework) के तहत PRAN नंबर मिलेगा। इससे अलग-अलग स्कीम्स को मैनेज करना और भी आसान हो जाएगा।
निकासी और एग्जिट नियमों में बदलाव
NPS (National Pension System) के निकासी और एग्जिट नियमों में भी बदलाव किया गया है। पहले, लाभार्थी को रिटायरमेंट के समय ही फंड मिलता था। लेकिन अब, EPF की तरह, NPS निवेशक कुछ खास परिस्थितियों में पहले भी पैसे निकाल सकते हैं। जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, शादी, या मेडिकल इमरजेंसी के लिए।
रिटायरमेंट के समय पहले आप 60% राशि एकमुश्त निकाल सकते थे और 40% एन्युटी के रूप में मिलता था। अब नए नियमों के तहत 80% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है और 20% एन्युटी के रूप में मिलेगा।
टैक्स नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर आप 80% राशि एकमुश्त निकालते हैं, तो 60% टैक्स-फ्री होगा, और 20% पर आपकी इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
NPS में कौन कर सकता है निवेश?
NPS (National Pension System) में कोई भी निवेश कर सकता है, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट सेक्टर का कर्मचारी। पहले, NPS से एग्जिट केवल रिटायरमेंट के बाद ही हो सकता था। लेकिन अब निवेशक 15 साल बाद भी स्कीम से बाहर निकल सकते हैं।