Maharashtra : महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो हर किसी को झकझोर देगी। एक मां, जो अपने बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में रखती है, असहनीय दर्द सहकर उसे जन्म देती है, वही मां अगर अपने नवजात को जन्म के तुरंत बाद मार दे, तो इसे क्या कहेंगे? ऐसा ही एक दिल दहलाने वाला मामला परभणी में हुआ, जहां एक युवती ने चलती बस में बच्चे को जन्म दिया और फिर उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया। इस घटना में नवजात की मौके पर ही मौत हो गई।
यह घटना पुणे से परभणी जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में हुई। 19 साल की रितिका धेरे नाम की युवती अपने साथी अल्ताफ शेख के साथ सफर कर रही थी। अल्ताफ खुद को रितिका का पति बता रहा था। सुबह करीब 6:30 बजे, जब बस पाथरी-सेलू रोड पर थी, रितिका को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई।
स्लीपर कोच वाली इस बस में उसने एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन इसके कुछ ही मिनट बाद, रितिका और अल्ताफ ने मिलकर बच्चे को कपड़े में लपेटा और चलती बस की खिड़की से बाहर फेंक दिया।
बस में मौजूद अन्य यात्रियों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनके सामने इतनी बड़ी घटना हो रही है। बस ड्राइवर ने देखा कि खिड़की से कुछ फेंका गया, लेकिन जब उसने अल्ताफ से पूछा, तो उसने कहा कि रितिका को उल्टी हुई थी, इसलिए कपड़ा बाहर फेंका।
लेकिन सच्चाई तब सामने आई, जब सड़क पर चल रहे एक शख्स ने देखा कि कपड़े में लिपटा एक नवजात सड़क पर पड़ा है। पास जाकर देखा तो बच्चा मर चुका था। उसने तुरंत पुलिस को 112 नंबर पर कॉल कर सूचना दी।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और गश्त कर रही टीम ने बस का पीछा कर उसे रोक लिया। रितिका और अल्ताफ को हिरासत में लिया गया। बस की तलाशी और जांच में पूरी घटना का खुलासा हुआ।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे इस बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए उन्होंने उसे फेंक दिया। पुलिस को यह भी पता चला कि रितिका और अल्ताफ परभणी के रहने वाले हैं, लेकिन डेढ़ साल से पुणे में रह रहे थे। दोनों खुद को पति-पत्नी बताते हैं, लेकिन उनके पास शादी का कोई दस्तावेज नहीं मिला।
पुलिस ने इस मामले में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। यह घटना समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है कि आखिर क्या मजबूरी थी कि एक मां अपने बच्चे को इस तरह मौत के हवाले कर दे।