रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड का पवित्र धाम केदारनाथ इन दिनों भारी बर्फबारी की चपेट में है। मार्च की शुरुआत से ही लगातार हो रही बर्फबारी ने न सिर्फ मंदिर परिसर को बर्फ की मोटी चादर से ढक दिया है, बल्कि यात्रा की तैयारियों पर भी बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। मंदिर के आसपास का पूरा इलाका बर्फ से अटा पड़ा है और मौसम की बेरुखी के चलते बर्फ पिघलने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में 2 मई से शुरू होने वाली वार्षिक यात्रा की तैयारियां अधर में लटक गई हैं।
बर्फ ने मचाई तबाही, कैंप हुए क्षतिग्रस्त
केदारनाथ में बर्फबारी का असर सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने भारी नुकसान भी पहुंचाया है। कार्यदायी संस्थाओं के कैंप, जो पुनर्निर्माण और यात्रा से जुड़े कार्यों के लिए बनाए गए थे, बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन कैंपों की छतें बर्फ के बोझ से टूट गई हैं और कई आवास भवन जर्जर हालत में पहुंच गए हैं।
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के कर्मचारी जब दो दिन पहले पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एमआई-26 हेलिपैड के ऊपरी हिस्से में बने कैंप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि बर्फ की मोटी परत ने कैंप कार्यालयों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है।
तीन फीट बर्फ और मौसम की मार
केदारनाथ में इस समय तीन फीट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है। मंदिर मार्ग से लेकर परिसर तक हर तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछी है। मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में हुई भारी बर्फबारी के बाद भी हर दो-तीन दिन में बर्फ गिर रही है। बादल छाए रहने और मौसम के लगातार खराब होने से बर्फ पिघल नहीं पा रही। इस स्थिति ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को परेशान किया है, बल्कि यात्रा से जुड़े अधिकारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी हैं। अब जबकि यात्रा शुरू होने में महज 39 दिन बचे हैं, तैयारियां शुरू करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
यात्रा पर मंडराता संकट
केदारनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र होती है। लेकिन इस बार प्रकृति की मार ने तैयारियों को मुश्किल में डाल दिया है। बर्फ से ढके रास्ते, क्षतिग्रस्त कैंप और मौसम की अनिश्चितता ने अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। पुनर्निर्माण कार्यों में लगी टीमें भी प्रभावित हुई हैं, जिससे समय पर काम पूरा होने की उम्मीद धूमिल हो रही है। श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव देने के लिए प्रशासन को तेजी से कदम उठाने होंगे।
केदारनाथ के मौजूदा हालात देखकर यह साफ है कि बर्फबारी ने सिर्फ इमारतों को ही नहीं, बल्कि उम्मीदों को भी तोड़ा है। लेकिन उत्तराखंड की मजबूत इच्छाशक्ति और प्रशासन की मेहनत से पहले भी कई मुश्किल हालातों का सामना किया गया है। अब देखना यह है कि क्या समय रहते हालात सुधर पाएंगे और श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए निर्धारित समय पर पहुंच सकेंगे। फिलहाल, सभी की नजरें मौसम पर टिकी हैं।