पंडरिया और बोड़ला विकासखंड के मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा मच्छरदानी का वितरण

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पंडरिया और बोड़ला विकासखंड के मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा मच्छरदानी का वितरण

पंडरिया और बोड़ला विकासखंड के मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा मच्छरदानी का वितरण


पंडरिया और बोड़ला विकासखंड के मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा मच्छरदानी का वितरण

कोरबा : स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में मलेरिया और डेंगू जैसे बिमारियों से सुरक्षित रखने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया रोकथाम व नियंत्रण के लिए जिले में निरंतर विभिन्न गतिविधियां की जा रही है, डोर टू डोर सर्वे कर स्वास्थ्य विभाग की टीम मलेरिया मरीजों की पहचान कर रही है। जिसका उपचार भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। मलेरिया को नियंत्रण करने के लिए डॉक्टर की टीम अर्लट होकर कार्य कर रहीं है साथ ही मलेरिया से बचने के लिए और रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत मच्छरदानी का वितरण, घरों में मच्छररोधी दवा घोल छिड़काव (डीडीटी), रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन, लार्वा सोर्स रिडक्शन, लार्वा भक्ष गंबूसिया मछली का जलाशय में निस्तारण, नारा लेखन, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, रैपिड फिवर सर्वे, शिविर, कॉन्टेक्ट सर्वे, मास स्क्रीनिंग, त्वरित जांच व पूर्ण उपचार, मरीजों का फॉलोअप, एंटोमोलॉजिकल सर्वे, स्कूल, आश्रम, छात्रावास में स्वास्थ्य शिक्षा व मलेरिया जांच, अंतर्विभागीय बैठक, कार्यशाला, मच्छर रोधी आयुर्वेदिक औषधी पौधे का रोपण, पंपलेट, फ्लेक्स, पोस्टर, होर्डिंग, माइकिंग द्वारा प्रचार-प्रसार आदि किया जा रहा है।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि मलेरिया के मामले में पंडरिया और बोड़ला विकासखंड के गांव संवेदनशील माने गए है। मलेरिया के बचाव के लिए प्रतिवर्ष इन गांवों में निःशुल्क मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है। इस वर्ष विकासखंड बोड़ला के लिए 33 हजार 195 मच्छरदानी का आबंटन राज्य शासन द्वारा किया गया है। जिसके अंतर्गत 145 ग्राम में वितरण कर लक्ष्य रखा गया है। इन ग्रामों में 140 ग्राम में अब तक 28 हजार 727 मच्छरदानी का वितरण किया जा चुका है। शेष ग्रामों में वितरण जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। विकासखंड पंडरिया के लिए राज्य शासन द्वारा 13 हजार 253 मच्छरदानी का आबंटन करने के लिए स्वीकृति दी गई है। मच्छरदानी आबंटन प्राप्त होने पर जल्द वितरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त डीएमएफ फंड से 13 हजार 16 हजार मच्छरदानी प्राप्त हुई है। पंडरिया विकासखंड के सेक्टर कुकदूर व कोदवागोड़ान मलेरिया के लिए संवेदनशील और बैगा बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र के लिए डीएमएफ से प्राप्त मच्छरदानी को कीटनाशक दवा घोल से उपचारित कर अगस्त से वितरण करने कार्ययोजना बनाई गई है। इस मच्छरदानी का वितरण 52 गांवों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र हाथिडोब के आश्रित ग्राम बांधा में सर्वे अंतर्गत दिनांक 11 जुलाई से 14 जुलाई तक 342 जांच किए गए जिसके अंतर्गत 6 धनात्मक मरीज पाए गए। ग्राम धनडबरा में 89 जांच किए गए जिसके 2 धनात्मक मरीज पाए गए थे। जिसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार किया गया।


डॉ. मुखर्जी ने बताया कि  बोड़ला विकासखंड में वर्ष 2017 में 244 गांवों में 62 हजार 736,  विकासखंड पंडरिया अंतर्गत 11 गांवों में 1 हजार 964 दीर्घकालिक दवालेपित कीटनाशक मच्छरदानी का वितरण किया गया है। वर्ष 2018 में विकासखंड पंडरिया अंतर्गत 197 गांवों में 81 हजार 400 दीर्घकालीक दवालेपित कीटनाशक मच्छरदानी का वितरण किया गया है। वर्ष 2020 में बोड़ला विकासखंड के 118 गांवों में 19 हजार 761 दीर्घकालीत दवालेपित कीटनाशक मच्छरदानी का वितरण किया गया है। वर्ष 2021 में बोड़ला विकासखंड के 09 गांवों में 375,  विकासखंड पंडरिया अंतर्गत 60 गांवों में 26 हजार 78 दवालेपित कीटनाशक मच्छरदानी का वितरण किया गया है।


सीएमएचओ डॉ. मुखर्जी ने बताया कि मलेरिया के पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम बल्ड सैंपल लेकर मलेरिया की पहचान कर उपचार कर रहीं है। वर्ष 2022 में 1 लाख 12 हजार 239 लोगों का मलेरिया जांच किया गया। जिसमें 236 मलेरिया के मरीज पाए गए थे। जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार किया गया। इसी तरह 2017 में 1 लाख 52 हजार 707 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें 949 मलेरिया के मरीज पाए गए थे। 2019 में 2 लाख 21 हजार 204 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें 461 मलेरिया के मरीज पाए गए थे। 2020 में 1 लाख 53 हजार 954 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें 136 मलेरिया के मरीज पाए गए थे। वर्ष 2021 में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत सर्विलेंस अंर्तराज्यीय सीमावर्ती ग्रामों में सर्वे और स्पेशल कैंपियन के माध्यम से 2 लाख 46 हजार 14 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें 850 मलेरिया के मरीज पाए गए थे। मलेरिया मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार किया गया।


डेंगू और मलेरिया के सामान्य लक्षण
ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द। इसी कारण इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। आंखों के पिछले भाग में दर्द होनाए जो आंखों को दबाने या हिलाने से बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी लगना व भूख न लगना, गले में दर्द होना, शरीर पर लाल चकते होना। अचानक बहुत ठंड लगना और तेज बुखार के साथ दांत बजना। शरीर में जलन, सिर व बदन दर्द, फिर पसीना आकर बुखार उतरना आदि इसके लक्षण है।


बचाव के उपाय
मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। डेंगू मच्छर अधिकतर घुटनों, टांगों, गर्दन, कानों के आसपास काटता है। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें, ठहरे हुए पानी में मच्छर न पनपे इसके लिए बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें, घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें। बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

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