India's First Glass Bridge : जल्द ही ऋषिकेश को मिलेगा नया अजूबा, पारदर्शी कांच से बना बजरंग सेतु होगा देखने लायक


ऋषिकेश : ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल के पास बन रहा बजरंग सेतु अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। इस शानदार निर्माण का लगभग 75% काम पूरा हो चुका है, जबकि 25% हिस्सा अभी बाकी है। लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर के अधिकारियों का कहना है कि बजरंग सेतु का बचा हुआ निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है, ताकि इसे जल्द ही पर्यटकों के लिए खोला जा सके।

यह नया पुल न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए सुविधा लाएगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है।

बजरंग सेतु की लंबाई 132 मीटर और चौड़ाई 5 मीटर रखी गई है। इसकी खासियत यह है कि इसके दोनों तरफ 1.5 मीटर चौड़े पारदर्शी कांच के फुटपाथ बनाए जा रहे हैं, जिनकी मोटाई 65 मिलीमीटर होगी। यह कांच का फुटपाथ पर्यटकों को रोमांच का अनुभव देगा।

साथ ही, पुल के प्रवेश द्वार को केदारनाथ धाम के मंदिर जैसी आकृति दी जा रही है, जो इसे और भी आकर्षक बनाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कांच का पुल दुनिया के उन चुनिंदा सेतुओं में शामिल होगा, जो अपनी बनावट और सुंदरता के लिए जाने जाएंगे। लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना की शुरुआत साल 2022 में की थी।

पहले इसे जुलाई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन बाद में समयसीमा बढ़ाकर दिसंबर 2024 और अब 31 मार्च 2025 कर दी गई। अब केवल 10 दिनों में बाकी काम खत्म करने की उम्मीद जताई जा रही है।

स्थानीय व्यापारी संजीव वर्मा ने बताया कि बजरंग सेतु का निर्माण तेज गति से चल रहा है और विभाग ने अप्रैल 2025 के अंत तक इसे पैदल यात्रियों के लिए खोलने का वादा किया है। उनका कहना है कि इस पुल के बनने से लक्ष्मण झूला इलाके में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

पिछले पांच सालों से व्यापारी मंदी से जूझ रहे हैं, लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि यह नया पर्यटक स्थल उनकी स्थिति सुधारेगा। अन्य व्यापारियों का भी मानना है कि बजरंग सेतु के शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार दोनों में तेजी आएगी।

अधिशासी अभियंता विजय कुमार ने जानकारी दी कि अभी पुल के दोनों छोर पर केदारनाथ मंदिर की शैली में पिलर तैयार किए जा रहे हैं। पुल का मुख्य ढांचा पहले ही बन चुका है और अब फुटपाथ व अन्य छोटे-मोटे काम पूरे किए जा रहे हैं। इसके बाद ढांचे को पिलरों पर तारों की मदद से लटकाया जाएगा।

उनका कहना है कि बचा हुआ 25% काम जल्द पूरा करने के लिए पूरी टीम दिन-रात जुटी हुई है। इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों उत्साहित हैं, क्योंकि यह ऋषिकेश को एक नया पहचान देने वाला है।

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