देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी, अपनी खूबसूरती के साथ-साथ शांति और सुरक्षा के लिए भी जानी जाती है। लेकिन हाल के दिनों में पटेलनगर क्षेत्र में बढ़ती स्नैचिंग (snatching) और चोरी की घटनाओं ने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी थी। इन अपराधों ने न केवल आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठाए, बल्कि पुलिस प्रशासन के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। लेकिन देहरादून पुलिस ने अपनी तेज-तर्रार कार्रवाई से साबित कर दिया कि अपराधियों के लिए अब शहर में कोई जगह नहीं है।
पटेलनगर में स्नैचिंग की वारदातों का खुलासा
पटेलनगर क्षेत्र में हाल ही में दो प्रमुख स्नैचिंग और चोरी की घटनाएं सामने आईं। पहली घटना 11 मई 2025 को कारगी चौक के पास हुई, जहां श्रीमती पूजा खुराना अपने बच्चे को स्कूल से लेने जा रही थीं। अचानक दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने पीछे से आकर उनका पर्स छीन लिया, जिसमें उनका मोबाइल फोन (mobile phone) और कुछ नकदी थी। दूसरी घटना उसी दिन निरंजनपुर मंडी में हुई, जहां श्रीमती मकेश कौर का पर्स चोरी हो गया। उनके पर्स में एक आईफोन (iPhone) और नकदी थी। इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया।
देहरादून पुलिस ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू की। कोतवाली पटेलनगर में दोनों मामलों में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून ने इन घटनाओं के खुलासे और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष निर्देश जारी किए।
पुलिस की रणनीति और त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए कई टीमें गठित कीं। इन टीमों ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों (CCTV cameras) की फुटेज का गहन विश्लेषण किया। साथ ही, पुराने अपराधियों के रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया गया। पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और स्थानीय लोगों से भी सुराग जुटाए। इस मेहनत का नतीजा यह हुआ कि 12 मई 2025 को पुलिस ने तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में अश्वनी (26 वर्ष), आशीष सक्सेना (21 वर्ष), और विकास चौहान (22 वर्ष) शामिल हैं। ये तीनों देहरादून के ही रहने वाले हैं और नशे की लत के शिकार हैं। पूछताछ में पता चला कि इन्होंने अपनी नशे की आदत को पूरा करने के लिए इन वारदातों को अंजाम दिया था।
बरामद सामान
पुलिस ने इन अपराधियों के कब्जे से चोरी का सामान बरामद किया, जिसमें दो मोबाइल फोन (एक ओप्पो और एक आईफोन), 14,500 रुपये की नकदी, और तीन चोरी की दोपहिया गाड़ियां शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि स्नैचिंग की वारदातों के लिए इन अपराधियों ने चोरी की मोटरसाइकिल (stolen motorcycle) का इस्तेमाल किया था। पूछताछ में अश्वनी ने बताया कि उसने अपने साथी आशीष के साथ मिलकर कारगी चौक पर पर्स छीना था। इसके अलावा, पुलिस ने इनके पास से दो अन्य चोरी की बाइक और एक स्कूटी भी बरामद की, जिन्हें ये अन्य राज्यों में बेचने की योजना बना रहे थे।
नशे की लत और अपराध का कनेक्शन
यह मामला न केवल स्नैचिंग और चोरी की घटनाओं को उजागर करता है, बल्कि समाज में नशे की बढ़ती समस्या की ओर भी इशारा करता है। गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकार किया कि नशे की लत ने उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल दिया। यह एक चेतावनी है कि समाज को नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और युवाओं को इससे बचाने की जरूरत है।
देहरादून पुलिस की सतर्कता
देहरादून पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि स्थानीय लोगों में सुरक्षा का भरोसा भी जगाया। पुलिस की मेहनत और तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग इस मामले को सुलझाने में अहम रहा। यह कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि देहरादून में अपराध की कोई जगह नहीं है।
आम जनता के लिए सुझाव
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने कीमती सामान, जैसे मोबाइल फोन और पर्स, का विशेष ध्यान रखें। भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की उपयोगिता को देखते हुए, दुकानदारों और घर मालिकों को अपने परिसर में कैमरे लगाने की सलाह दी गई है।
देहरादून पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि वे शहर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कहानी न केवल अपराध पर जीत की है, बल्कि एक सुरक्षित और जागरूक समाज की ओर एक कदम है।