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देहरादून में दिनदहाड़े फायरिंग, 24 घंटे में पुलिस ने ऐसे पहुँचाया गुंडों को सलाखों के पीछे

By: Sansar Live Team

On: Wednesday, March 26, 2025 12:54 PM

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देहरादून : प्रेमनगर इलाके में हाल ही में हुई एक सनसनीखेज फायरिंग की घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया था। लेकिन दून पुलिस ने अपनी तेजी और साहस का परिचय देते हुए महज 24 घंटे के भीतर इस मामले को सुलझा लिया। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति भरोसा भी बढ़ाती है। आइए, इस घटना की पूरी कहानी को करीब से जानते हैं।

क्या थी पूरी घटना?

25 मार्च 2025 को थाना प्रेमनगर में मानस यादव नाम के एक युवक ने शिकायत दर्ज की। मानस, जो मूल रूप से अलवर, राजस्थान का रहने वाला है और वर्तमान में यू.पी.ई.एस. कॉलेज में बी.ए. एलएलबी का छात्र है, ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ अपने फ्लैट की बालकनी पर खड़ा था। तभी देर रात कुछ युवक अलग-अलग गाड़ियों में आए और उनके साथ गाली-गलौच शुरू कर दी। बात यहीं नहीं रुकी, इन युवकों ने मानस पर फायरिंग कर दी और उनकी गाड़ी को भी तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। यह सब कुछ पुरानी रंजिश का नतीजा था, जिसे अंजाम देने के लिए आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची थी।

पुलिस ने कैसे पकड़े आरोपी?

घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए। प्रेमनगर थाने की टीम ने तत्काल हरकत में आते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की और संदिग्धों की तलाश में जुट गई। पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय किया और संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। मेहनत रंग लाई और 26 मार्च की देर रात दो मुख्य आरोपियों—मनस्वी फरासी उर्फ शिबू पंडित और हरिवंश मगलूरिया—को कंडोली से बिदोली जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से एक देसी तमंचा, एक जिंदा कारतूस और घटना में इस्तेमाल की गई बुलेट मोटरसाइकिल बरामद हुई। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश अब भी जारी है।

आरोपियों ने क्या बताया?

पुलिस पूछताछ में हरिवंश मगलूरिया ने खुलासा किया कि वह जम्मू के कठुआ का रहने वाला है और यू.पी.ई.एस. कॉलेज में बी.कॉम ऑनर्स का छात्र है। उसने बताया कि मानस यादव और उसके दोस्त कृष पंवार के बीच पहले से विवाद चल रहा था। मानस और उसके साथियों ने हरिवंश के साथ मारपीट की थी और जान से मारने की धमकी दी थी। इसी गुस्से में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मानस को सबक सिखाने की योजना बनाई और फायरिंग की घटना को अंजाम दिया।

पुलिस की सजगता और भरोसा

दून पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि आम लोगों को यह संदेश भी दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। यह घटना युवाओं के बीच बढ़ती गुंडागर्दी पर भी सवाल उठाती है और समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। फिलहाल, पुलिस बाकी फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए दिन-रात जुटी हुई है।

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