बाबा केदारनाथ के नाम पर इतिहास रच गए दून वेली के व्यापारी, श्रद्धालुओं के लिए दिया तोहफा
Dehradun News : प्रेमनगर की धरती एक बार फिर से सेवा और श्रद्धा की मिसाल बनकर उभरी। दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल की प्रेमनगर इकाई ने अपने अध्यक्ष पुनीत सहगल के नेतृत्व में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर बाबा केदारनाथ में 11वें विशाल भंडारे के लिए चार ट्रक राशन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
यह भंडारा अगले छह महीनों तक केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा। इस नेक कार्य में स्थानीय दुकानदारों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया, जिसने इस पहल को और भी खास बना दिया।
शहीदों की याद में समर्पित भंडारा
इस कार्यक्रम का सबसे मार्मिक पहलू था इसे कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोष भारतीयों की स्मृति को समर्पित करना। आयोजकों ने एक मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इस भंडारे को उनकी याद में आयोजित करने का संकल्प लिया। यह कदम न केवल शहीदों के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सेवा और श्रद्धा के माध्यम से हम अपने देशवासियों को कैसे याद रख सकते हैं।
सामूहिक प्रयास और आध्यात्मिक शुरुआत
राशन से भरे ट्रकों को रवाना करने से पहले कैंट विधायक सविता कपूर, दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोंन और युवा संरक्षक अर्चित डाबर ने पूजा-अर्चना की। भगवा झंडा दिखाकर ट्रकों को केदारनाथ की ओर रवाना किया गया। इस आयोजन में शामिल हर व्यक्ति का उत्साह और समर्पण देखते ही बनता था। यह सामूहिक प्रयास न केवल सामाजिक एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब समाज एकजुट होता है, तो बड़े से बड़ा लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है।
सेवा का संदेश, श्रद्धा का प्रतीक
यह भंडारा केवल भोजन वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, सेवा और मानवता का प्रतीक है। केदारनाथ धाम में आने वाले लाखों श्रद्धालु इस भंडारे के माध्यम से न केवल भोजन प्राप्त करेंगे, बल्कि प्रेमनगर की इस पहल के पीछे छिपे उद्देश्य और भावना को भी महसूस करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाता है।
एक सच्ची श्रद्धांजलि
पुनीत सहगल और उनकी टीम ने इस आयोजन को न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम बनाया, बल्कि इसे शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि का माध्यम भी बनाया। यह पहल हमें यह सिखाती है कि सेवा और समर्पण के माध्यम से हम अपने देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कैसे निभा सकते हैं। प्रेमनगर की यह पहल निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगी कि वे अपने स्तर पर समाज के लिए कुछ करें।