---Advertisement---

ऐतिहासिक घड़ी! नववर्ष की पूर्व संध्या पर मंत्रोच्चार के बीच रोशन हुआ घंटाघर, एक साथ जले 2100 दीप

By: Sansar Live Team

On: Saturday, March 29, 2025 5:25 PM

Google News
Follow Us

देहरादून : देहरादून की ऐतिहासिक धरोहर घंटाघर एक बार फिर रोशनी से नहा उठा। हिंदू नववर्ष प्रतिपदा संवत 2082 की पूर्व संध्या पर ब्राह्मण समाज महासंघ के बैनर तले शहर के ब्राह्मण संगठनों ने मिलकर 2100 दीपों को प्रज्ज्वलित कर नववर्ष का भव्य स्वागत किया। यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है और हर बार की तरह इस बार भी उत्साह चरम पर था। घंटाघर परिसर दीपमालाओं से जगमगा उठा, जो देखते ही बनता था।

मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ दीप प्रज्ज्वलन

29 मार्च की शाम को यह आयोजन बेहद खास रहा। दीप प्रज्ज्वलन का शुभारंभ टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री 108 कृष्णागिरी जी महाराज और देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल ने संयुक्त रूप से किया। वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच यह पल और भी पवित्र हो उठा। ब्राह्मण समाज के विद्वानों और सदस्यों ने एकजुट होकर शांति, एकता और समृद्धि की कामना की। इस मौके पर सभी ने एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और प्रसाद का वितरण भी हुआ।

समुदाय का उत्साह और एकता की मिसाल

इस आयोजन में ब्राह्मण समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए। महासंघ के अध्यक्ष पंडित राम प्रसाद गौतम, महासचिव डॉ. वी. डी. शर्मा, पंडित लालचंद शर्मा, पंडित उदय शंकर भट्ट जैसे प्रमुख चेहरों के साथ-साथ क्वांटम विश्वविद्यालय के संस्थापक श्यामसुंदर गोयल और अन्य पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा भी मौजूद रहे। पार्षद राकेश शर्मा, अधिवक्ता अश्वनी मुद्गल और बजरंग दल के विकास वर्मा ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। यह एकता और सामुदायिक भावना का शानदार प्रदर्शन था।

घंटाघर का नया रूप, परंपरा का सम्मान

2100 दीपों की रोशनी ने घंटाघर को एक नई चमक दी। यह नजारा न सिर्फ आंखों को सुकून देने वाला था, बल्कि हिंदू नववर्ष के स्वागत में परंपराओं के प्रति सम्मान को भी दर्शाता था। हर साल यह आयोजन लोगों को एक साथ लाता है और समाज में सकारात्मकता का संदेश फैलाता है। इस बार भी देहरादूनवासियों ने इसे खूब सराहा।

एक नई शुरुआत का संदेश

नववर्ष प्रतिपदा का यह उत्सव केवल दीप जलाने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक नई शुरुआत का प्रतीक बना। स्वस्तिवाचन और मंत्रोच्चार के बीच लोगों ने आने वाले साल के लिए शुभकामनाएं मांगीं। यह आयोजन हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जो बताता है कि एकजुटता और परंपराओं से कितना कुछ हासिल किया जा सकता है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment